रूबी झा 🌻 Rubi Jha   (© रूबी झा ’बृजबाला’)
3.4k Followers · 169 Following

read more
Joined 8 October 2017


read more
Joined 8 October 2017

तुम ऐसे आना मेरे जीवन में
जैसे सावन की पहली बूंदों संग आती हरियाली
आकर के हर कोने को महकाती है हरियाली
बनकर मेंहदी चढ़ती है जब हथेलियों पर
रचकर प्रेम का रंग इठलाती है हरियाली

तुम ऐसे आना मेरे जीवन में
जैसे तृष्णा में तपती धरा पर बरसती बारिश
आकर जीवन की प्यास तृप्त करती है बारिश
टकराती है जब मिट्टी से उसकी बूंदें
सोंधी-सोंधी खुशबू से मन को महकाती है बारिश

तुम ऐसे आना मेरे जीवन में
जैसे शरद पूर्णिमा की रात्रि में आता चांद
आकार शरद ऋतु की ठंडक का एहसास कराता है चांद
आसमान में निकलकर वो अमृत बरसाता है
अमृत रूपी फुहारों से मन को तृप्त करता है चांद

तुम ऐसे आना मेरे जीवन में
जैसे प्रेम की धारा हृदय में बहती है
आकार जीवन को जीने का अर्थ सिखाता प्रेम
भावनाओं की लहरों संग जज्बातों को जगाता है प्रेम
संवेदनाओं का संसार बसाकर जीवन को संवारता है प्रेम

-



तुम्हारी सादगी का दीप
युगों-युगांतर तक जलता रहेगा
त्याग की धारा में प्रवाहित होकर
नवीन इतिहास की रचना करेगा

कर्मों की गाथा हर दिल में
गूंजेगी अमर कलश में
रतन सा नाम तुम्हारा
हर मन को दीप्तिमान करेगा

संघर्ष के पथ पर जलायी
जो ज्योति तुमने, वह लहराएगी
प्रेरणा की लौ बनकर
अनंत आकाश में दमक जाएगी

सादगी और सेवा का
जो महान संदेश तुमने दिया
हर युग की ध्वजा बनकर
शिखर तक पहुँच जाएगी

मानवता की सेवा में
जो अनुकंपा तुमने प्रकट की
तुम्हारी विनम्रता का प्रकाश
हर युग में अमर बना रहेगा

जिनके विचारों ने परिवर्तित किया
जीवन का प्रत्येक कोण
रतन सा नाम तुम्हारा
संसार में सदैव चमकता रहेगा...

-



हिंदी सिर्फ़ एक भाषा नहीं
(काव्य अनुशीर्षक में)

-



फज़ा में तैरते किसी ख्वाबिदा की भांति
तुम दूर रहे हर पल और मैं करीब
मगर छू न सकी कभी वो पलाश
जो तुम्हारे प्रेम की महक लिए उड़ती रही...

तुम्हारी स्मृति जैसे किसी रात्री का महताब
कभी झिलमिलाती कभी मद्धम सी
और मैं जैसे किसी छूईमुई सी पल्लव
तुमसे मिलने के ख्याल भर से ही सिमट जाती...

वो तितली जो मेरे हाथ से दूर थी कभी
क्या उसे भी पता था...
की मुन्तज़िर की लकीरें नहीं मिटती कभी
सिर्फ घुलती हैं फिजाओं में बेहद खामोशी से...

-



When you return to social media after a long break...

-



The exam is tomorrow and you've done absolutely nothing to study...

-



चंद्रमौली का पश्चाताप
(पूर्ण कविता कृपया कैप्शन में पढ़ें)

-



एक गहरी ख़ामोशी है
जैसे कोई पल हो थमा हुआ
कहीं भीतर सिमटा हुआ
न कोई दुख की लहरें है
नाही खुशी की कोई चाहत
बस इक्षाओं का हो जैसे मौन स्पंदन...
जैसे मन के कोनों में हवा ठहरी हुई हो
या जैसे किसी नदी की शान्त धारा के बीच बैठा मन
न बहने की चाह है न ही किनारों का सहारा
यह शून्यता नहीं बस मन की थकी हुई रात्रि है
जैसे कोई थकान से भरी मधुर निद्रा का संकेत
एक थमा हुआ पल...

-



यूं हर जान-पहचान को दोस्ती का नाम न दो,
हर कोई हंसी में छिपी उदासी नहीं भांप पाता।

यूं हर मुलाकात को यार का जामा न पहनाओ,
आख़िर, दोस्ती एक बड़ी ज़िम्मेदारी का नाम है।

-



Beta, tumhara naukri lag gaya hai...

Mere paas tumhare liye ek rishta hai...

-


Fetching रूबी झा 🌻 Rubi Jha Quotes