"ख़्वाब हो या काँच से नाज़ुक रिश्ते
आज भी अक्सर छन से तूटते रेहते हैं,
साथ सारे अपनों के उस ग़र्म रेत से,
लाख संभालो हाथ से फिसलते रेहते हैं।"-
"सोचता हूं कौन है तु मेरा, हमदर्द़ या रक़ीब?
तु क़म से क़म मेरे अपनों सा, पराया तो नहीं।"-
"फिक़र होगी तुम्हें मेरी,
अक्स़र ये ग़लतफ़हमी पाल लेता हूं।
मरहम लगाने वाले, चोट कीतनी है पूछकर
उनकी गिनती नहीं किया करते।"-
"शख़्स जो बातें कभी किसी से साझा नहीं कर पाता,
वो बातें शायर बन के अपनी सियाहीयों से केह जाता है।"-
"Whether you think bad or good about me, You will always be a victim of misunderstanding."
("मेरे बारे में चाहे बूरा सोचो या अच्छा,
तुम हमेशा गलतफ़हमी का शिकार ही रहोगे।")-
"Pain or peace,
whatever it is....
if it's all about you
I embrace it like as it is."— % &-
"ग़र हम नशा करते तो अच्छा ही होता,
पर कम्बख़त हम तुमसे प्यार कर बैठे"— % &-
'તારો પરે'
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"તારા નામનાં કેપિટલ વગર તો
મારું નામ જ અધૂરું રહી જાય,
તારા વગર આયખું કેમનું પૂરું કરવું?"— % &-
"इश्क़ था तुमसे बेशुमार, वो भी एक दौर था
आज ख़ुद से नफ़रत करने से फुरसत नहीं।"-
"कभी इश्क़ था तुमसे बेइंतहा, वो भी एक दौर था
आजकल फुरसत ही नहीं मिलती, ख़ुद से नफ़रत करने से।"-