Rushikesh Pawar ✪   (Rushi_Dilwale)
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Joined 6 April 2019


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4 AUG 2021 AT 18:32

2122/2122/212

"एक सूरत एक सी तस्वीर है"
यानी दोनों ही तरफ़ कश्मीर है

इक गयी तो दूसरी हाज़िर हुई
आपकी कितनी सही तक़दीर है

जंग अपनी हिज्र से कैसे लड़ूँ
आँख में आँसू है दिल में तीर है

भागने वाले खज़ाना ले गए
इसलिए भी घर में सब दिलगीर हैं

कौन सा दफ़्तर है कैसे लोग हैं
हाथ पर घड़ियाँ नही ज़ंजीर है

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29 JUL 2021 AT 15:03

एक सूरत एक सी तस्वीर है
यानी दोनों ही तरफ कश्मीर है

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4 JUN 2021 AT 11:30

तेरे इंतेज़ार के लम्हें कितने लंबे हो गए
घर के बाहर रुके और लाइट के खंबे हो गए

तू ही बता तुझसे किस तरह गले मिल पाऊँगा मैं
तुझ से हाथ मिलाने से हाथ मेरे ठंडे हो गए

कोशिश करने से रिश्तों को बदला जा सकता है
पहले हम उसके दोस्त थे अब उसके बंदे हो गए

इस हालत में हमें देख लिया तो क्या बोलेंगे लोग
देखो इन बेशर्मों को मुहब्बत में अंधे हो गए

ऋषि हमारे गाँव में ऐसा क्या है जो बदला है
रस्ते में इक दो थे अब दस बारह गड्ढे हो गए

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21 MAY 2021 AT 14:58

तेरे इंतेज़ार के लम्हें कितने लंबे हो गए
घर के बाहर रुके और लाइट के खंबे हो गए

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21 MAR 2021 AT 13:49

122 122 122 122
वो ग़म में है उसके ग़मों को भगा दो
यही वक़्त है उसको अपना बना लो

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19 FEB 2021 AT 13:20




तुम ख़ुद को ना समझो जीरो
लोग बतायेंगे तुम्हारा इंट्रो
बस अपनी ख़ूबी पहचानो
फिर बन जाओगे सुपर हीरो

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27 JAN 2021 AT 22:01

गाँव रात के रंग में ढल रहे थे
शहर में सड़कभर दिए जल रहे थे

उस से हम सँभाले नहीं जा रहे थे
जिसको हम पूरी उम्र संभल रहे थे

उन परिंदो से मिलने जंगल गए थे
जो परिंदे आँखों से ओझल रहे थे

आज उनकी आँखें बयाँ कर रही है
वो किसी के तो कैद में कल रहे थे

ऋषिओं का अंतिम ठिकाना क्या होगा
जिस तरफ भी मंदिर दिखा चल रहे थे

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4 JAN 2021 AT 19:30


मतला मक़्ता ये सब लिखना हो तो कुछ दस्तूर है
ये जिसको जितने मालूम है वो उतना मशहूर है

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23 OCT 2020 AT 15:59

मन ही मन कुछ बातें मानी होती है
फिर ये आँखे पानी पानी होती है

कितना भी समझाओ पर वो न समझेगी
लड़किया मुहब्बत में दिवानी होती है

जिसकी दिनभर बातें सुननी होती है
राजा को प्यारी वो रानी होती है

उस की हर बात मिरे ज़ेहन में रहती है
इस बात से उस को हैरानी होती है

शहर में रहनेवालों को मालूम नहीं
झील किनारे शाम सुहानी होती है

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19 OCT 2020 AT 23:02

22 22 22 22 22 2

मन ही मन कुछ बातें मानी होती है
फिर ये आँखे पानी पानी होती है

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