वो केहते है की, अगर किसी को पूरे दिल से चाहो ना...
तो फिर पूरी कायनात, उस से मिलाने की साजीश मे लग जाती है...
तो फिर क्यो ईश्क मेरा पार था, दिल भी मेरा साफ था...
जेहेर जैसे इंतजार का घुट मैने हसकर पिया...
लाख गम दिये उसने, पर इस दिल ने कभी ना उनसे
गिला किया...
छटपटा जाता था दिल मेरा, अगर कुछ उनके साथ बुरा
हुआ...
इबादद मे जब भी अपना सर झुकाया, तो नाम उन्हीका सबसे पहला आए...
तो फिर क्यो जखम मुझे इतना मिला, कि वो दर्द हम
सेह ना सके...
मौत मौत चिल्लाए पर, हम मर ना सके...-
तेरे Online होने पर भी, तेरे जवाब ना देने पर,
ये समझ की मे पलपल मर रहा था...
कई तु किसी और कीतो नही होने जा रही थी...
इस बात को लेकर हर पल डर रहा था...
आँखे आसू बहा रहे थे, और मे दिल को बेहलाने का काम कर रहा था...ये ईश्क ही तो था...
अब दिल मेहफिलोंसे डरने लग गया है, आँखे किसी और
से मिलने से पेहले पिछे हटती है...
खुदा तुझेभी एक दिन ऐसा दिखाए,
क्योकी तुझेभी तो पता चले की भिगे हुए तकीये पर रात कैसी कटती है...
कैसे छुपछुप कर रोया जाता है, कैसे पलको के साथ साथ
हातों को भी भिगोया जाता है...
तुझसे इतना प्यार करते हुए भी, तुझे तडपाने के बारे मे
आँखे भर तो आती है...
लेकीन मै भी क्या करु, जहा इतनी मोहब्बत होती है...
वहा हद से ज्यादा नफरत होती है...-
जूदा होकर भी अकसर दिल याद करता है उसे...
सोचता है... क्या वो भी मुझे याद करती होगी..?
जैसे आसमा रो पडता है जमीन की याद में...
बारीश की बुँदे भेजता है फरयात में...
खैर बारीश की बुँदे तो नही है मेरे पास,
पर इन आँखो के आँसूओ मे तुम तुम्हेही पाओगे...
कभी देखोगी मेरी आस तो क्या तुम लौट आओगी...-
अभी दिल नही भरा उसका...
अभी कुछ झूट बाकी है...
कल वाली शराब निकाल के लाओ...
उसमे दो घूट बाकी है...-
आरश्यात मी आज तुझे प्रतिबिंब पाहिले,
तु तुळस व्हावी माझ्या अंगणातली...
असं वाटायच मला, पण तुझ्यात मी एक कडुलिंब पाहिले...
तुला मिठीत घेऊन सरावी वाटायची, या आयुष्याची छिन्न
काळी रात्र, पण स्वप्न तेही आता नयनातच राहिले...
सांगायच खूप काही होत तुला, पण आता तेही मनातच राहिले...
भरकटलेल्या मनाला माझ्या नव्हत कसलच भान,
मी केसात तुझ्या फुलांना आबाद होताना पाहिले...
आलो जेव्हा भानावर मग तेव्हा कळालं,
मी प्रेमात तुझ्या स्वतःला बरबाद होताना पाहिले...
तु सोडून गेलीस अस त्याच निनावी रस्त्यावर जिथे कधीकाळी, मी तुला माझ्यासाठी मागे वळताना पाहिले...
नेहमी सांगायचीस ना जग सोडून येईल तुझ्यासाठी,
आज त्याच जगात मी तुला माझ्यापासून दूर पळताना पाहिले...
कधी अफाट संकटे डोळे झाकून पार करायचो मी पण आज तुझ्यासाठी,
मी माझे डोळे आसवांनी चिंब पाहिले...
अलगद पडला मग एक अश्रू तू दिलेल्या त्या सुकलेल्या
फुलावर, आणि पाण्याच्या थेंबावरही मी तुझेच प्रतिबिंब
पाहिले...-
दिल ने मान लिया था...
बहोत करीब से जान लिया था...
बस ये Cast बिच मे आ गयी...
वरना मैने तुम्हे अपनी पत्नी मान लिया था...-
By👋...Good Night🌃...सो जाओ😴...
के बाद जीस Message का इंतजार होता है...
वही सच्चा वाला प्यार होता है💖...
और हमे पता है, नही आणा उसे उस रास्तो पे🛣️...
फिर भी उसी रास्ता में उसका इंतजार होता है...
वही सच्चा वाला प्यार होता है💖...-
आज मुझसे हँस कर पूछा, पाँव के रोते छालों ने,
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बस्ती कितनी दूर बसा ली, दिल में रहने वालों ने ...❤️-
मेरी कलम जो कोशीश कर के भी बया ना कर पाए, तुम ऐसे किसी किस्से सी लगती हो...
क्यों कैद करु तुम्हे कागज में, तुम लकीरों की बंदीश से आजाद ही अच्छी लगती हो...
जेवर सी पेहनती हो तुम अपनी हर अदा, बिंदी मे सादगी और झुमको मे मेरी जान रखती हो...
वैसे तो ये दुनिया है, तुम्हारे कदमों की धुल बराबर तुम फीर भी इसे पायल सी पेहनती हो...
खो के जिसे जन्नत भी जमी से जलता है...तुम खुदा की उस अफसोस सी लगती हो...
क्यों ना रखू तुम्हे तारों के दर्ज पे...आखिर तुम सबकी ख्वाहीश में जो रेहती हो...
तुम आसमा सी आजाद लगती हो...मेरे जमी के उम्मीदों के लिए जरुरी हो...
लोग केहते है दोनो मिलते है एक जगाह, मै जानता हू ऊसे नजरो का धोका केहते है...
मै फीर भी ऊस धोके पर तुम्हारा इंतजार करता हू...-
अब ठीक है ना कोई बात नही...
जिंदगी आखिर हम सबकी मेहमान ही तो होती है...
मगर वो जितनी नफरतो के बाद भी, इतनी खामियों के साथ भी, ईतनी गलतीयों के बाद भी हमे कबुल करती है...
देखो वो मौत भी रेहमान ही तो होती है...
सुनो अगर तुम अभी मेहसुस करती हो मुझे, तो सुनो...
अपनी मेहमान से इस कदर दु.खी मत हो...
अरे जिंदगी तरस गई है ऊससे बात करो...
खुदा के वास्ते तुम मौत से पेहले मत मिलो...-