Rushali Thukral   (RushaliThukral)
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Joined 3 December 2016


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Joined 3 December 2016
6 APR 2017 AT 13:50

बेवफ़ाओं के मौहल्ले में,
ढूंढ रहीं थीं,
में अपना ठिकाना,
एक प्यारा सा आशियाँ,
एक जहाँ सुहाना,

मिला नहीं कुछ हमें,
जहाँ की हवा में,
हो बेवफ़ाई,
क्या उम्मीद करनी,
वहाँ लोगो से वफाई।

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20 JAN 2017 AT 23:49

To the past which made my today.
To the present which will make my future.
To the Future, I don't know about.

Live your life before it's too late.

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11 DEC 2016 AT 17:07

...और फिर वक़्त ने सीख दिया वक़्त को भी...
के वक़्त नहीं रुकता किसी के वक़्त के लिऐ...
सब राह तकते रह जाएंगे और वक़्त...
अपनी फितरत का मारा...
मुस्कुराते हुए फिर चलता चला जायेगा...
किसी और का वक़्त बदलने।

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11 DEC 2016 AT 16:24

Time changes everything.. nature, body, outlook and even the character!
Nothing is stable yet everything we want is stablity.
All you need to do is let the world accpet you the way you're and you need to love yourself, anyway!

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9 DEC 2016 AT 1:42

Only if I got the same emotions, I gave others!

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8 DEC 2016 AT 20:22

तेरे चेहरे की वो हँसी...
वो झलकती हुई मासूमियत...
याद आता हैं...

तेरा वो पलके झुका के शर्माना...
शर्मा के छूप जाना...
याद आता हैं...

तेरा वो बेबाक बोलना...
फिर खुदको समेटना...
याद आता हैं...

तेरा वो नाराज़ हो जाना...
फिर खुदको ही मनाना...
याद आता हैं...

क्यों गयी तू मुझे छोड़ कर...
तेरे बिन अधूरा सा रहता हूँ...

तेरे लीऐ ही जिया था हर पल...
आज खुदसे भी नाराज़ रहता हूँ...

आजा वापस मुझे तन्हाइयो से निकलने...
इस दिल को संभालने...
इस शक़्सियात को मुक़म्मल करने...
रहूँगा कर्ज़दार तेरा मैं।

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7 DEC 2016 AT 22:38

आज फिर दिल कुछ लिखना चाहता हैं...
आज फिर दिल जीना चाहता हैं...
आज फिर अनकही बातों को बयान करने का मन हो रहा हैं...
आज फिर तन्हाई को गले लगाने का मन हो रहा हैं...
सुन रहा हैना ऐ दिल तू...
इस दिल को आज खुशियों मैं पिरोने का जी चाहा रहा हैं।

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7 DEC 2016 AT 10:36

टूटे टूटे से हम हैं न जाने क्यों...
दिल में हैं बातें अनकही जिनके लफ्ज़ नहीं...
बोलना तो बहुत कुछ चाहता हैं यह दिल.. पर बोले तो किसे?
दर्द सामेंटे दिल में बस चले जा रहे हैं हम...
यह राह अनकही अनसुनी बस बढ़ते जा रहे हैं हम...
गुमशुदा हो चुके हैं इस मेहफिल मैं हो के भी...
बस बयान करने को मिले कोई...
हम तो शिद्दत से रोये चले जा रहे हैं।

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7 DEC 2016 AT 10:28

तुमको भूल जाने की गलती भी नहीं कर सकते हैं...
टूट कर की हैं तो तुझसे मोहब्बत की हैं।

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7 DEC 2016 AT 10:24

अधूरी सी बातें आश्क़ो मैं बेह गई...
आज भी सुना न उन्होंने कुछ...
और आँखें नम रह गई।

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