बेवफ़ाओं के मौहल्ले में,
ढूंढ रहीं थीं,
में अपना ठिकाना,
एक प्यारा सा आशियाँ,
एक जहाँ सुहाना,
मिला नहीं कुछ हमें,
जहाँ की हवा में,
हो बेवफ़ाई,
क्या उम्मीद करनी,
वहाँ लोगो से वफाई।
-
Pains seems to be infiltrating me much every time - pos... read more
...और फिर वक़्त ने सीख दिया वक़्त को भी...
के वक़्त नहीं रुकता किसी के वक़्त के लिऐ...
सब राह तकते रह जाएंगे और वक़्त...
अपनी फितरत का मारा...
मुस्कुराते हुए फिर चलता चला जायेगा...
किसी और का वक़्त बदलने।-
Time changes everything.. nature, body, outlook and even the character!
Nothing is stable yet everything we want is stablity.
All you need to do is let the world accpet you the way you're and you need to love yourself, anyway!-
तेरे चेहरे की वो हँसी...
वो झलकती हुई मासूमियत...
याद आता हैं...
तेरा वो पलके झुका के शर्माना...
शर्मा के छूप जाना...
याद आता हैं...
तेरा वो बेबाक बोलना...
फिर खुदको समेटना...
याद आता हैं...
तेरा वो नाराज़ हो जाना...
फिर खुदको ही मनाना...
याद आता हैं...
क्यों गयी तू मुझे छोड़ कर...
तेरे बिन अधूरा सा रहता हूँ...
तेरे लीऐ ही जिया था हर पल...
आज खुदसे भी नाराज़ रहता हूँ...
आजा वापस मुझे तन्हाइयो से निकलने...
इस दिल को संभालने...
इस शक़्सियात को मुक़म्मल करने...
रहूँगा कर्ज़दार तेरा मैं।-
आज फिर दिल कुछ लिखना चाहता हैं...
आज फिर दिल जीना चाहता हैं...
आज फिर अनकही बातों को बयान करने का मन हो रहा हैं...
आज फिर तन्हाई को गले लगाने का मन हो रहा हैं...
सुन रहा हैना ऐ दिल तू...
इस दिल को आज खुशियों मैं पिरोने का जी चाहा रहा हैं।-
तुमको भूल जाने की गलती भी नहीं कर सकते हैं...
टूट कर की हैं तो तुझसे मोहब्बत की हैं।-
अधूरी सी बातें आश्क़ो मैं बेह गई...
आज भी सुना न उन्होंने कुछ...
और आँखें नम रह गई।-
I write in gaps so as to fill myself with all sort of emotions to spill them at once and make my writings infinte.
-