मेरे सपने और उड़ानों का बस्ता लिए चल पड़ता है पिता,
अपने दर्द को छुपा कर अपने मन में चल पड़ता है पिता,
मेरे पिता के बिना मैं कुछ भी नहीं,
मेरे पिता हर कांटे को सहन कर मुझे खुश कर दे,
कहते हैं कि पिता नहीं तो जीवन अधूरा लगता है,
कहते हैं पिता नहीं तो मां के सर का सिंदूर और मंगलसूत्र नहीं,
कहते हैं पिता से बड़ा फैसला लेने में कोई नहीं होता घर पर,
मेरे पिता अगर सोना तो मेरी मां हीरा है,
जीवन के हर कठिन फैसले में मेरे पिता ही मेरे साथ देते हैं,
मेरे पापा बाहर से गुस्से हो ,
तो अंदर के दिल से बहुत सरल,
कहते हैं जब पति ज्यादा परेशान हो जाए,
तो बेटा बड़ा हो तो बेटे को भी कंधे से कंधा मिलाना चाहिए,
कहते हैं बेटा कितना भी बड़ा हो जाए ,
बाप के कंधे से कंधा मिला ले ,
लेकिन परेशानियों में उसे पिता के पास ही आना पड़ता है,
ऊपर वाले ने कहा है कि पिता भगवान परमेश्वर का रूप है ,
लेकिन सच कहें तो पिता भगवान का सच्चा रूप है.
-Rushabh bhatnagar
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