हाल-ऐ-दिल लिखा..
दर्द-ओ-गम जो गुज़ारा लिखा..
जब कभी लिखने बैठे..
नाम तुम्हारा लिखा..
एक चाहा था जिसे वो ही ना मिला हमको
वरना
हाथों की तकीरों में न जाने क्या क्या था लिखा !- जिंदगीनामा
18 JAN 2019 AT 6:10
हाल-ऐ-दिल लिखा..
दर्द-ओ-गम जो गुज़ारा लिखा..
जब कभी लिखने बैठे..
नाम तुम्हारा लिखा..
एक चाहा था जिसे वो ही ना मिला हमको
वरना
हाथों की तकीरों में न जाने क्या क्या था लिखा !- जिंदगीनामा