कुछ कहानियां बनी है, तो कुछ यादें और जुरेंगी,
अभी आंखे नम हुई है, अब कुछ उम्मीदें फिर से जगेगी।
हां, माना कि जिंदगी छोटी सी है पर ख्वाब तो बड़े हैं।
हां कुछ जगहों पर कदम डगमगा जाते हैं पर ये उठते तो चलने के लिए ही है,
सीख जाऊंगा धीरे-धीरे इस जमाने से कदम से कदम मिलाकर चलना, थोड़ी भूल हुई भी तो क्या उम्मीद तो अभी भी बुलंद है।
कभी ना कटने दूंगा ये हौसलों की पतंगे जब तक है दिल में कुछ कर जाने की उमंगे,
हां माना कि कुछ ने तोरा है हमें कुछ ने किया है बिखरने पर मजबूर।
पर कुछ किस्से हमने भी सुने हैं हुजुर, हर सितारा टूटता है फिर भी चमक बिखेरती हैं आसमानों में चाहे हो कितने भी दूर।
जैसे हर शाम गुजर जाने के बाद आता है नया सवेरा और उसमें होती है एक नूर।
बुराईयां ढूढने निकलोगे तो हर चीज फीकी लगेगी,
जिसने हाथ थाम कर पीछे ले लिया उससे क्या उम्मीद करोगे यूं तो हर शख्स को जरुरत है एक साथी की पर चलते हैं ना कुछ कदम अकेले, आखिर सपने भी तो हमने अकेले ही देखे हैं इसमें भी हैं अलग शुरुर।
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