बड़ा बईमान होता है ये दिल, अजीब सी फ़ितरत लिये घूमता रहता है उसकी चाहत को कोई और दे दे थोड़ी सी भी ख़ुशी तो जल उठता है ।
दिल की ये बेईमानियां करातीं हैं उनसे नादानियाँ क्यूँ जलते हो, क्यूँ कुढ़ते हो क्यूँ करते हो बेवकूफियाँ दिमाग हमेशा ये समझाता है मगर ये बातें कमबख्त़ दिल कब समझ पाता है वो तो बस कहता है अरे क्यूँ हम पर इतना वक़्त बिताते हो नफा नुकसान का पाठ पढ़ाते हो अरे मूर्ख ,यही तो हमारा अंजाम है शमा पे परवाने का , जल जाना ही तो काम है !
कभी सुना सा लगता है कभी लगता गुलज़ार सा, दिल की बातें कौन समझे जब सबकुछ हो बेज़ार सा । सबकुछ था मेरा , सब थे मेरे सबका था मैं, लेकिन मेरा कौन ? खाली पल में आता है ये एक सवाल सा ? देख लोगों के अच्छे वक़्त साथी मन ललचाता है फिर उस सलोनी सूरत में अपना साथी ढूंढता है फिर उसपर ही आकर जैसे वक़्त जाता है ठहर सा डर सा लगता है उसको देख मन घबराता है कुछ कहूँ न कहूँ उसकी सुनूँ या अपनी सुनाऊं वक़्त इसी कशमकश में जाता है गुजर सा सुनो इस कशमकश को समझ जाओ ना टूटे इस दिल में समा जाओ ना अपनी धमक से दिल के बगिया को बना दो ना गुलज़ार सा करा दो न वो अहसास जिसमें साथ तुम्हारे थाम के हाथ कर दूं मैं वो एलान सा जिसमें दिल बोले दिमाग से "लगता है हो गया है तुम्हें भी प्यार सा..प्यार सा
माना बहुत अच्छी हो, बहुत जख्म खाये होंगे मगर पुरानी बातों पे नई बात बनाना अच्छा है क्या ? पुराने जख्मों को याद कर नए जख्मों को कुदेरना खुद को और उसको तकलीफ देना अच्छा है क्या ? कल जैसा भी था आज और कल अच्छा हो ये न सोचना अच्छा है क्या ? नहीं आता हमें भावनाओं को छुपाना मगर उसपे हँसना अच्छा है क्या ? किसी की तारीफ करें सामने तुम्हारे तो तुम्हारा लड़ना और कोई करे तुम्हारी तारीफ सामने हमारे तो हमें अच्छा लगना, अच्छा है क्या ? तुम्हारी दी हर चीज है अनमोल उसका मोल लगा कुछ बोलना अच्छा है क्या ? अब इसपे भी तुम्हारा ताना सुनाना अच्छा है क्या ???
जब आप भीड़ में अकेले हों और किसी खास का साथ चाहते हों मगर उसकी बातें अकेलेपन का अहसास करा दे तो किससे करोगे शिकायत ये तो बतला दो ऐ दिल इस गुस्ताखी की सजा तो सुना दो !
सब कुछ कहा नहीं जाता ये किसी ने कहा था मगर ये अहसास हो जायेगा ये भी तो बताया नहीं गया था गलती उसकी भी नही है क्योंकि वो क्या है ये अहसास उसे कराया भी नहीं गया था !!!!
जो मिला जीवन के पथ पर सबको किया स्वीकार हमने कब दूसरों की खता पे किया कोई ऐतराज़ हमने !!!
ऐ दिल अब एक सवाल का जबाब दे जाओ सफेद मन के आंगन में खिले इंद्रधनुष का राज बतला जाओ उम्र के फासले भले ही कुछ हो मगर दिल के फासलों को दिशा तो दिखला जाओ अब तो कुछ बतला जाओ 😍 अब तो कुछ बतला जाओ