अंतर्मन की आवाज़ को सुन सकता नहीं कोई!
क्या चल रहा है भीतर समझ सकता नहीं कोई!!
हर दिन एक नया संघर्ष, एक नया युद्ध है!
क्षुब्ध मन, मौन अधर, नयन नम पढ़ सकता नहीं कोई!!
उदास बैठकर मंजिल की तरफ़ बढ़ सकता नहीं कोई!
जीवन से हारकर, इच्छा से मृत्यु पा सकता नहीं कोई!!
इसलिए थके -हारे -गिरे -उठे फ़िर से खड़े हुए!
क्यूंकि हारकर बैठकर रास्ता निकाल सकता नहीं कोई!!-
Nature lover
दिल के जज़्बात को अल्फाज़ बना लेते है!
अपने हर रोष को कागज़ पर उकेर ल... read more
ख़ामोशी से ज़िन्दगी जीना, यह धीरता है!
जीवन की सच्चाई को जानना ही गंभीरता है!!
चुप रहकर सरलतापूर्वक सहना सब!
कायरता नहीं कहलाता वीरता है!!
कोमल जीह्वा, से निकलते नुकीले शब्द!
ऐसे शब्द कई रिश्तों को यहाँ चीरता है!!
मोह से माया तक का सफ़र न सीधा है!
जानी जिसने रिश्तों की परिभाषा वहीं यहाँ जीता है!!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)
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कहने के लिए इतवार है, छुट्टी के दिन की बात है!
बस मिलावट ज़रा ज़्यादा है, क्यूंकि सुकूँ की कहीं नहीं बात है!!
पूरे हफ़्ते रहता जिसका बेसब्री से इंतज़ार है!
वो आकर चला भी गया फ़ुरसत की अभी भी दरकार है!!
हफ़्ते के छ: दिन भागदौड़ भरी ज़िन्दगी बेहिसाब है!
सातवें दिन आया इतवार ठहराव की आज भी नहीं बात है!!
हफ़्ते भर की थकान में मिलना चाहिए जिससे दो पल का क़रार है!
आज वो भी कहीं गुमसुम सा और बैठा ग़ुमनाम है!!-
अरे!अरे!रुको थोड़ा थम जाओ!
थक गई हो थोड़ी देर बैठ जाओ!!
कितना करती हो काम!
अब तो कर लो थोड़ा आराम!!
आँखों को कर लो बंद!
प्यारी सी नींद में कहीं खो जाओ!!
निकलना होगा ख़ुद के लिए भी थोड़ा वक़्त!
इसलिए ख़ुद की जीवन - शैली में अब कुछ बदलाव लाओ!!
किस से करती हो उम्मीद इन सब की!
पँखों को खोलो खुले आसमान में उड़ जाओ!!
कोई नहीं कहेगा ऐसे शब्द!
इसलिए अपनी केयर टेकर ख़ुद ही बन जाओ!!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)
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जो लिख दिए हर्फ़, हर्फ़ नहीं होती रूह की आवाज़ है!
किसी के लिए गज़ल, किसी के लिए कविता तो कभी लगे शब्दों का भंडार है!!
इन्हीं शब्दों को जो पढ़े दिल से तो बनते जज़्बात है!
और जो पढ़े समझ से परे उनके लिए बनता शब्दों का जंजाल है!!
सबके लिखने का होता अपना अलग़ ही ढंग अलग़ ही अंदाज़ है!
कोई सजाता शायर की महफ़िल,तो कोई छोड़ता ग़ालिब की छाप है!!
बन जाये ख़ुमार लिखने का तो बनती अपने आप में एक अलग़ ही बात है!
भीड़ से दूर, बंद कमरा, एक डायरी पसंदीदा क़लम
मौन में सुकून और लफ्जों से होती ख़ुद ही की तकरार है!!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)-
सुबह से शाम, शाम से शब तक है ज़िन्दगी का सफ़र!
हर तऱह के हालात-ए -तपिश को हमेशा साथ रखिए!!
कल की फ़िक्र लाज़मी है, ख्वाइशों को पूरा करने के लिए!
वक़्त से पहले ज़िन्दगी के सामने सवालात न रखिए!!
तय होता सभी का सफ़रनामा तकदीरों के हिसाब से!
बेमकसद,बेतकल्लुफ़ से दिल में जज़्बात न रखिए!!
चार दिन की मुश्किलें ज़िन्दगी को तराश दिया करती!
जी भर जिए हर लम्हा उसमें कोई जीत -ओ - मात न रखिए!!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)
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बंद आँखों में ख़्वाब तेरा है!
ख़ुली जब आँख तो चेहरा तेरा है!!
करें इश्क़ से इंकार तो ये ग़लत होगा!
सच तो ये है मेरी हर सांस, हर धड़कन पे पहरा तेरा है!!
सोचूं जो भी में उसमें ख़्याल बस तेरा है!
कैसे कह दूँ ये सब सिर्फ़ एक भरम का ढेरा है!!
जानती हूँ इस मोहब्बत में मुझसे ज़्यादा ज़ियाँ तेरा है!
पर सच ये भी है कि मेरे पास जिम्मेदारियों का घेरा है!!
भले ही सब से छुपा है इश्क़ तेरा मेरा है !
पर ख़ुदा के आगे ये मिलन पाक पूरा है!!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)
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बात उलझाकर क्या होगा!
बात दिल में रख कर क्या होगा,
बात न कर कर क्या होगा!
बात करने से ही सबकुछ होगा,
बात कर कर तो देखो हर मुश्किल का हल मुमकिन होगा!
बात इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा है,
बात ही तो है जिस से जोड़ा हर किसी का एक किस्सा है!
बात जीवन का आधार है बिना बात सबकुछ निराधार है,
बात एहसास जताने का माध्यम है!
बात से ही होता मोहब्बत का आगमन है,
बात से ही पता लगता इंसान का आचरण है!
बात अच्छे बुरे वक़्त का आवरण है,
बात से ही बनती फ़ायदे और नुकसान की फेहरिस्त है!
बात से ही ख़ुदती दोस्त और दुश्मन की नींव है!!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)
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हाय!क़भी हँसाए क़भी रुलाये!!
ज़िन्दगी दुखों का है सार!
जिसमें खुशियाँ कम दुःख है आपार !!
ज़िन्दगी समझौते से भरी है एक नाव!
जिसका ना कोई छोर न ही कोई आधार !!
ज़िन्दगी सही और ग़लत में उलझा है एक सवाल!
जिसका ज़वाब मिल पाना हर किसी के लिए है मूलाधार !!
ज़िन्दगी को जो जिए बेपरवाही से वो है समझदार!
जिसने बनाएं किरदार वो ही है कलाकार !!
जिंदगी क़भी न ठहरने का है नाम !
जिसने घूमा दुनिया को उसी का जीवन है साकार!!
ज़िन्दगी मुखौटो से सजी नक़ाब की है पहरेदार!
जिसने समझ लिया ये बाज़ार वो ही है यहाँ अच्छा ख़रीदार !!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)
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*सोच *
एक सोच इंसान को इंसान बनाती है!
एक सोच इंसान को महान बनाती है!
एक सोच इंसान को भगवान बनाती है!
एक सोच इंसान को हैवान बनाती है!
एक सोच इंसान को ज़िन्दगी जीना सीखाती है!
एक सोच इंसान को आत्महत्या करने पर मजबूऱ कराती है!
एक सोच इंसान को ख़ाक से फ़लक तक पहुंचाती है!
एक सोच इंसान के जीने का नज़रिया बदल जाती है!
एक सोच इंसान से पक्षियों के लिए दाना पानी रखवाती है!
एक सोच इंसान से जानवरों को कटवा कर उन्हें पकवाती है!
एक सोच इंसान को रक्षक बनाती है!
एक सोच इंसान को उसी के लिए भक्षक बनाती है!
एक सोच इंसान को श्रवणकुमार बनाती है!
एक सोच इंसान को दरिंदगी की हदें पार करवाती है!
एक सोच इंसान से न जाने क्या क्या करवाती है?
एक सोच सिर्फ़ एक सोच इंसान को इंसानियत से मिलवाती है!
एक सोच ही इंसान के कर्मों का फल और दंड भी दिलाती है!!
_Rupali (अनकही ✍️✍️)-