Rupali Choudhary   (रूपाली)
629 Followers · 188 Following

read more
Joined 1 March 2019


read more
Joined 1 March 2019
23 JUN AT 0:25

जाओ मैंने तुम्हें मोहब्बत के नाम पे रिहा कर दिया
हमारी कहानी का अंत मैं लिख नहीं पाई ,
कभी जुड़े जो थे हमारे ताल्लुकात एक दूसरे से
इस लंबे सफ़र को मैं अलविदा नहीं कह पाई।
स्वीकारे है मुझे प्रेम में अधूरापन,
मन मानें तो लगता है तुम्हारे होने का एहसास मुकम्मल है।
तो तुम्हारी दी गई यादें उम्मीद से सब्र में तब्दील हो गई,
अब तुम्हें पाने की चाहत का दावा नहीं करते
जाओ जिसके हिस्से आओ तुम बस पूरे हों के जाना ।

-


19 MAY AT 23:07

अगर जुदाई अंतिम मुक़ाम है
तो तुम्हारी यादें मुझसे किनारा क्यों नहीं कर लेती।
ये बेरुख़ हवाएँ , अद्भुत सा मौन,
कैसा सलीक़ा है तुम्हारा मेरे सामने आने का,
अब हलचल की कोई गुंजाइश नहीं ,
मान लेते हैं ज़िंदगी का एक पन्ना पलट दिया हमने।
और अगर हम इत्तेफ़ाक़ से दोबारा मिले
तब शायद तुम्हारी पहचान हम किसी और से ना पूंछ बैठे।

-


14 APR AT 1:55

ज़िंदगी तुम दिलों की दहलीज़ में बस्ती हो
मैं हूं तो तुम हो ,फिर शिकायत में क्यों गुम हो।
तलाशती हूं तुम्हें बैरंग परिस्थितियों में,
और आती हो सामने नए नए तजुर्बों में।
तुम दिन की पहली शुरुआत हो,
प्रेम प्रीत की रीत को जागृत रखने वाली आस हो।
तुम रुकती नही, जैसे कभी मुरझाए पुष्प
या कभी खिलखिलाती चिड़िया,
किताबों के पैमाने पर नहीं चलती है तुम्हारी कहानियां।
धर्म , धैर्य , ठहराव , बेचैनी और सुकून में
तुम्हें ढूंढती रह जाती है इंसानी दुनिया।






-


10 APR AT 0:25

क्या नूर है मेरी मोहब्बत में
ज़िंदगी ने आवाज़ भी देकर देख लिया
तेरी यादें मुझे आज भी पलट कर देखती है
सफ़र बहुत ख़ूबसूरत था, वक़्त को तेरे साथ चलना मंज़ूर नहीं था।
अब जो मिले किसी राह पर, तो हम जाने पहचाने अजनबी होंगे,
कुछ ज़ुबान सम्भली सी बातें करेंगी उनसे,
और आँखें आख़िरी मुलाक़ात की चाहत को ठहर जाने के लिए कह रही होंगी।

-


3 JAN AT 0:09

एक हर्फ़, एक साजिश, एक बेताबी
है प्रेम के रस में।
शायद उनकी यादों में बरकत होने लगी है ,
अजनबी से कुछ हम हमराही लगने लगे हैं।
आसपास की गलियां उनका पता पूछ रही है,
हम मुस्कुरा कर सब्र का नाम मोहब्बत कह देते हैं ।
यूं चंद मुलाकातों में हम खूल ना पाए बेबाकी से ,
और हां अगर वक्त हमारे हक में हुआ तो
जरूर तय करेंगें अंतिम मुकाम।








-


11 NOV 2024 AT 23:13

ये कैसा मुकाम है जिंदगी,
तुम डर छीन के, तजुर्बे दे रही हो।
इतने सच से रूबरू नहीं होना चाहती
बेजुबान हो गया है सब्र मेरा,
वक्त ने हसीन पलों से रुखसती कर ली है।
इंतजार के इम्तिहान में अब मेरे लफ्ज़ लड़खड़ा रहे हैं
मानो जैसे उम्मीद सामने खड़ी होकर कह रही हो
एक नई सफर की शुरुआत है।

-


7 JUL 2024 AT 0:02

इंतजार भी मशरूफ है उनके ख्यालों में,
ना दहलीज पे किसी के आने की आहट होती है
ना यादें इजाज़त लेती है वक्त से आने की।
गुलाब सुख से गए हैं, बरसात रूठ से गए हैं
प्रेम में ना ही कोई शोर, ना कोई संदेह है,
मानो जैसे आंखें उम्मीद के मिजाज में ढल चुकी हो।
और उस एक शख्स से रूखसत होने का
सलीका हमें कभी आया नहीं।





-


1 JUL 2024 AT 0:05

संघर्ष की अधूरी कहानी,
सांस लेने की रिवायत
मनचले मुसाफिर की एक तरफा मोहब्बत
दरिया जैसी मौन, समुद्र जैसा तूफान
अस्तित्व की तलाश में हर रोज भटक जाता है इंसान।
राहों के कांटे बनते बिखरते रहते हैं हर शाम
जिम्मेदारी और फर्ज में कई लोग हो जाते हैं गुमनाम,
है नहीं इतना आसान
इसीलिए जिंदगी है इसका नाम।

-


12 MAY 2024 AT 0:07

बेशक हम मोहब्बत में लफ्ज़ भूल जाए
लेकिन यकीन मानिए जनाब ,
उनकी आंखें गुलाब सी गुलजार
माशूक सी महकती तलवार निगाहें ,
इस शहर को भी उल्फत में बेईमान कर दे।
फिर तो हम उनसे दिल्लगी लगा बैठे हैं
उम्र को हुस्न से छुपा बैठे हैं।
सितम से भारी आहें
दीदार से भरी कागज़ पे, उसे अपना बना चुके हैं।


-


7 MAY 2024 AT 19:05

हम मोहब्बत करने वालों को इल्म कहां इस दुनियादारी की,
हम फिक्र और जिक्र दोनों ही
एक शख्स के दीदार के लिए छोड़ आते हैं।
पूछना हाल उनसे तो ज़रा मुस्कुरा कर बताएंगे,
उम्मीद को अपना खुदा बताएंगे।
इंतजार की महक आंखों में रख
शब्दों को नई पहचान देते हैं।
मोहब्बत करने वाले महफिल में
कैसे ये बहके-बहके बयान देते हैं।
सब्र को जिंदगी का नाम और मौत को सुकून का मुकाम कहते हैं।

-


Fetching Rupali Choudhary Quotes