Rupali Chauhan   (Rupali chauhan♡)
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मेरे बारे में जानकर क्या करोगे......
हमें जानने वाले नही......
समझने वाले पसंद हैं....
Joined 19 March 2020


मेरे बारे में जानकर क्या करोगे......
हमें जानने वाले नही......
समझने वाले पसंद हैं....
Joined 19 March 2020
25 JAN 2021 AT 21:58

ये जो गुज़र रहा हैं मुझ पर..
एक दिन ये भी गुज़र जाएगा...

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24 JAN 2021 AT 12:24

एक ही सपना देखा था मेरी आँखों ने ख़ुदा
वो भी तु छीन ले तो आँखों का जागना लाज़मी हैं
💔

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20 JAN 2021 AT 13:19

ज्यादा दूर देखने की चाहत में
बहुत कुछ यूँ ही पास से गुज़र जाता हैं!!

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21 NOV 2020 AT 19:43

ना नामभर का रिश्ता हैं हमारा
ना ही रिश्ते को कोई नाम मिला हैं
तुझे चाहूँ हद से भी ज्यादा
दिल से रूह को पेगाम मिला है ..

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1 OCT 2020 AT 18:07

आख़िर कब तक हम लोग Status...Status खेलते रहेंगे
क्यो हम ये नाइंसाफी झेलते रहेंगे
क्या यूंही चलता रहेगा इज़्जत को तार -तार करने का सफ़र
क्या कभी उस बेटी के लिए आयेगी कोई अच्छी खबर
क्या आँसू की धारा यूही बहती रहेगी
कब तक बेटी ही सब अपराध सहती रहेगी ..
आखिर गलियों में ये शोर क्यो हो रहा
क्यो पिता हर देहलीज पर बैठकर रो रहा हैं
क्या यूंही हम दुखों के दीप जलाते रहेंगे
क्या हर गली में जाने से घबराते रहेंगे
क्या कुसूर है हमारा..
जो पिता हर दिन घर की इज़्ज़त गवा रहा हैं
प्यारी सी आँखो से काजल हटाया जा रहा हैं
सपनो से जगा कर मौत की नींद सुलाया जा रहा हैं
बात यही नहीं खत्म हों जाती हैं
छुपते- छिपाते लड़की को घर लाते हैं
इस तरह वो अपनी झूठी इज़्जत बचाते हैं
कुछ आवाजें इस तरह ही दफ़न हो जाया करती है
कुछ दिन सुलगती है आग मोमबेतियो में...
और फिर कहानियाँ बन जाया करती हैं
हम सुनकर अफसोस मना लिया करते है
और अंजाम छोड़कर हम किस्से अपना लिया करते है...

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12 AUG 2020 AT 14:52

जो छोड़ दिया
वो असल में छूटता कहां हैं..

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5 AUG 2020 AT 11:54

मैं मुमताज बन जाऊ.. आप ताज बना रहे हो क्या?
हम निकाल देंगे सबको अपने दिल से....
बोलो आप हमें अपने दिल मे बसा रहे हों क्या?

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27 JUL 2020 AT 12:32

पन्ना पन्ना बयां करता हैं दास्ताँ सारी ..
आहटे भी नहीं होतीं हैं आजकल तुम्हारी ...
पता पूछे भी तो किससे पूछे ...
लापता ही हो गयी जुबा हमारी...

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23 JUL 2020 AT 8:46

**✿❀song❀✿**
मजबूरियाँ मेरी कम नहीं ...
क्यों आँखें भी अब नम नहीं ...
जो कह भी दूँ ये सिलसिले
जुबा में भी वो लफ़्ज़ नहीं
शिकायते भी क्या करे ♡  
जब यार हम.. हम ना रहे
हम चल दिये उन रास्तों पे
जिनकी कोई मंजिल नही .......
मजबूरियाँ मेरी कम नही
क्यों आँखे भी अब नम नहीं
सब ख्वाहिशे मैं वार दूँ
गर तुझको मैं जो थाम लूँ
जी लूँ मैं उस पल ज़िंदगी
तुझे छोड़ने का ना नाम लूँ
मजबूरियाँ मेरी कम नहीं
क्यों आँखे भी अब नम नहींं..

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3 JUL 2020 AT 21:33

मैंने मोहब्बत के रंग भी देखें हैं
नफ़रत की वजह भी जानी हैं
अब आप हमसे अलग हों
और दुनिया हमसे बेगानी हैं ।।

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