सर का ताज़ नहीं
पैरों की जुती नहीं
हाथ पकड़ कर साथ अगर चल सको
तो इजहार करना
मेरी गलती पर हामी न भरना
कभी प्यार से समझा देना
डाट के रुला दिए
तो आँसू पोछने भी आ जाना
मेरे रोते चेहरे पर
मुस्कान अगर ला सको
तो इजहार करना
आजाद उड़ना पसंद है मुझे
साथ मेरे तुम भी उड़ चलना
जिम्मेदारी पता है मुझे
थोड़े समझदार तुम भी बन जाना
Grlfrd तो सब बनाते हैं
पत्नी अगर बना सको
तो इजहार करना
हूँ थोड़ी बत्तमीज थोड़ी बेबाक भी
सुनती नहीं किसी की
हूँ नादान भी
मेरी बातें मान कर
खुद की अगर मनवा सको
तो इजहार करना
लाड से पाला है पापा ने मुझे
हाँ तुम भी लाडले हो घर के
मैं घर छोड़ कर जाऊँगी अपना
तुम रहोगे अपने घर पर
पापा से नखरे अगर उठा सको
तो इजहार करना
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