थोड़ा सा हाथ बढ़कर वो,
हाथ खेंच लेता हैl
सायद मैं इतना बुरा तो नहीं,
पर ना जाने वो क्या...,
दिल ही दिल में सोच लेता हैl
-
शायद मै...😐
I'm 👇
#Simply Complicated
#technical 🎓🎓
#writer as my hobby... read more
किसी ने मुझसे पूछा
कि,🥺
इतना गम तुम कैसे छुपाते हो
मेरे इस सवाल पर भी तुम मुस्कुराते हो-
हमें घर छोड़ना पड़ता है अपना,
अपना घर बनाने के लिए,
फिर लोग क्यूँ कहते हैं,
आयें है हम यहां
एक दिन जाने के लिए,-
नींद मेरी और, ख्याल उसके
ये कैसी बात है ।
ये उस मुलाकात का असर है ,
या ये भी एक मुलाकात है ।-
हम उनसे मिलने आए और,
उन्ही का इंतज़ार था
ये मेरे मन का बहेम था,
या ये भी उनका प्यार था।
😊😊-
👇
👉
वो जानकर भी क्यूं कुछ जानता नहीं,
हर लम्हा गुज़ारा साथ, फिर भी पहचानता नहीं।
वो... है भी वहीं..., फिर.. है क्यूं नही!
लगता है.🤔🤔
उसके दिल में छुपा कोई बड़ा राज है,
उससे कोई रूठा है, या वो किसी से नाराज़ है।-
बाकी तो सब बैठे हैं यहां आजमने के लिए,
एक वहीं तो है जो रास्ता देख रहा है,
मेरे आने के लिए।
दो पल कि खुशी, और हर कदम पर उसका साथ,
इसके अलावा किसी को क्या चाहिए,
जिंदगी भर साथ निभाने के लिए।-
और भ्रम मै तो जीना ही बेकार है,
क्यूंकि मा बाप पर तो
जितना बेटे का, उतना ही बेटी का भी अधिकार है।-
वो जानकर भी हमें क्या जान लेगा।
ज्यादा से ज्यादा क्या,
एक बार फिर मुस्कुरा देंगे,
और वो पहचान लेगा।
लेकिन ये कोई वफा की बात तो नहीं,
की हर बार बस हम ही जान देंगे,
और वो 🔪🔪जान लेगा।-
रहता है परदे में कहीं, छुपकर मगर।
हां वही जो है, मेरा हम सफर।।
कहीं खोया है, फिर भी इतने पास है।
जैसे धड़कन में नब्ज का ऐहसास है।।
उसके जैसा जैसा कोई खूबसूरत नहीं ,
वो हो तो किसी और की जरूरत नहीं।
वो अकेला ही, पर मेरा इतना खास है।
जैसे पहले शावन की बूंदों का ऐहसास है।।
रहता है परदे में कहीं, छुपकर मगर,
हां वही जो है, मेरा हम सफर।
आखिर इस परदे में ऐसा क्या राज है,
जिसे देखने को हर कोई मोहताज है।।-