तीतर बितर, सब गया है बिखर,
मैं तो हूं यहां तू है किधर,
परिस्थितियां समान नहीं,
ना ही है समान नजरिया,
दिल ए ख्वाइशे तो हैं कई,
मगर कदम जकड़े पड़ी है मजबूरिया।-
Ruma Satra
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चंद शब्दो में कोई कैसे करे व्यक्त अपने आपको,
समझना चाहो अगर, दिल से जुड़ना पड़ेगा आपको।
प्यार... read more
समझना चाहो अगर, दिल से जुड़ना पड़ेगा आपको।
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Joined 10 April 2018
20 OCT 2023 AT 11:25
12 FEB 2023 AT 19:07
कुछ इस तरह छू गया वो,
कि उसकी खुशबू में डूबा गया वो,
सम्पूर्ण थी जो मेरी जिंदगी,
ना जाने कैसी कमी जगा गया वो।-
11 FEB 2023 AT 14:32
अपने ख़्वाब बिखरते देखा है,
अपनो के नकाब हटते देखा है,
ठोकरों से वो क्या डरेंगे,
जिन्होंने गिर कर संभलना सीखा है।-
12 JUL 2022 AT 18:03
ख़्वाब में इक खयाल आया,
पलक झपकी तो पता चला कि,
खयालों में ख़्वाब आया।
-Ruma Satra-
29 JUN 2022 AT 9:19
ज़िंदगी की भाग दौड़ से बचकर,
कुछ सुकून के पल ही तो चाहा था बदले में,
नोक झोंक से भरे लम्हों से बचकर,
बस थोड़ा सा प्यार ही तो माँगा था बदले में।-
23 JUN 2022 AT 17:23
अचानक से दिल में हुई धक धक,
सांसे थामने लगी,
उनके आने की थी ये दस्तक,
यूंही थोड़ी हवाएं चलने लगी।
-Ruma Satra-