Ruhii   (Lines❤)
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Joined 3 December 2021


Joined 3 December 2021
14 APR 2022 AT 20:56

कोई नहीं समझता मुझको किससे गिला करूँ,
तुम भी तो हो औरों से क्या ना ही मिला करूँ?

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24 JAN 2022 AT 18:54

एक बात समझने में बहुत देर लगी मुझे,
वो ये की,जो जिसका है,
उसे मिल जाता है।
चाहे वो प्यार हो,
या धोख़ा 🤗🤗

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29 DEC 2021 AT 15:59

ऐसा कोई नहीं है, 😒 मेरी जिंदगी में,
जो मेरे ना होने पर, मुझे ढूंढ ना चाहे!!

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13 DEC 2021 AT 8:30

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है,

दफ़्न कर दो हमें कि साँस आए,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है,

कौन पथरा गया है आँखों में,
बर्फ़ पलकों पे क्यूँ जमी सी है,

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है,

आइए रास्ते अलग कर लें,
ये ज़रूरत भी बाहमी सी है!!

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30 DEC 2021 AT 18:47

“कवि अपने प्रिय का पता जानता है,
पर कविता को नहीं बता सकता ।
इश्क़ का यह मौन व्रत इलाही क्षणों का तक़ाज़ा होता है। "

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10 DEC 2021 AT 9:16

मेरे अपने दुःख हैं
तुम्हारे अपने दुःख हैं

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3 DEC 2021 AT 8:21


ख़त की कुछ यादे 🤗__

गुस्सा खीज आंसू
और फिर बेकरार हो जाना !
उफ़!
उस शक्श के खत पढ़ कर,
मेरा बेजान हो जाना!!

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