तुम्हे बाहों में भरकर ऐसा महसूस हुआ की
मेरी दुनिया मेरे आंचल में सिमट गई हो जैसे। — % &-
Ruhi Quazi
(Ruhi H. Quazi ©)
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New collection #cosmicsouls
For Flash Fiction #ruhisstory
For poem collection #ruhispoem
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Joined 27 December 2018
4 FEB 2022 AT 0:24
30 JAN 2022 AT 16:04
हर सुबह सूरज को मिलकर
बाते तुम्हारी करती हूं।
केसे तुम रोशन दुनिया
मेरी करते हो ।
कैसे तुम्हारी मुस्कुराहट
ओस सी चमकती है।
कैसे तुम्हारी आवाज
धीरे से छूके जाती है।
हर सुबह सूरज से मिलकर
बाते तुम्हारी करती हूं।
— % &-
25 JAN 2022 AT 22:31
तुम शांत हवा से आहिस्ता से खामोशी से हरदम साथ थे मेरे,
जब भी खुद को अकेला पाया मेने,
तुम्हें साथ पाया मेने। — % &-
17 JAN 2022 AT 0:24
हमे चलना है मिलो
सफर है सदियों का
तुम साथ देना मेरा
इस ऊची नीची राहों पर।-
12 JAN 2022 AT 22:31
गुम सूम हो गई निगाहे
तेरे इंतजार में
फिर भी उम्मीद का चिराग
मन में जलाए रखेंगे-
12 JAN 2022 AT 9:30
इन सर्द सुबह में रोक लूं तुम्हे
और भरलून अपनी बाहों में
वक्त से बेपरवाह सिमटी रहूं
तेरी गरम शुआओ में।-
11 JAN 2022 AT 23:34
गुजारदून राते मेरी, निहारने में तुम्हे।
नींद की आगोश में खोए हुए तुम,
और तुम में खोई हुई में।-