जो हाँथ था बेहद अज़ीज़ हमें,
वो हाँथ भी हँसकर छोड़ आए हैं...
तेरा तो सफर आसान रहे,
हम अपनी ज़मीं छोड़ आए हैं...
किसी मोड़ पर मिल जाओ तो लौटाना ज़रूर,
खुद को हम तेरे ही पास छोड़ आए हैं...
वो होता है उदास तो हमें याद करता है,
हम उसकी ज़िंदगी में अपनी कमी छोड़ आए हैं...— % &-
Ruhi 1211
(Ruhi)
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मेरे लफ़जों से न कर मेरे किरदार का फैसला, वजूद मिट जाएगा तेरा मेरी हकीकत ढूंढते ढूंढते...
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Joined 19 January 2018
14 JUN 2022 AT 2:16
7 JUN 2022 AT 1:22
और जिस दिन तुम ईश्वर से प्रार्थना करोगे कि वो दुश्मनों से तुम्हें बचाए उस दिन तुम्हारे बहुत सारे "दोस्त " तुमसे दूर हो जाएंगे...— % &
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4 JUN 2022 AT 16:59
अब जो बिछड़ गए हो तुम तो मलाल क्या करूं ,
तुम्हारे साथ भी तो अक्सर तन्हा रही हूँ मैं... — % &-
4 JUN 2022 AT 16:53
किसी से बिछड़ने का दुःख उतना बड़ा नहीं होता जितना बड़ा होता है उसके साथ होकर भी अकेला महसूस करने का दुःख...— % &
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28 MAY 2022 AT 2:34
रास नहीं आती दिखावे की रिवायत हमको,
जिस से दिल न मिले मिलाना हांथ भी नहीं...— % &-
6 APR 2022 AT 15:21
मेरी लड़ाई अपने आप से है क्योंकि
मुझे दुश्मन भी बराबरी के पसंद है... — % &-