रख महफूज उन बातों को जो तू छुपाना चाहती है रख सब्र जिसे तू अपना ना चाहती है
मैं तो धूल खा रही किताबों में पड़ा सिर्फ एक शेर हूं
तू तो वह गजल है सबकी जुबां पर आना चाहती है-
My 2 book recently published
1. Time lapse of the India
2.secr... read more
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यादों के सिलसिलो में
वरक पर अपने अल्फाजों पर को एहतीराम से रख कर
उसे अपनी दुआ में कुबूल किया है
नज़रे उल्फत का शिकार तो हुई
लेकिन दिल की सियासत ने उसे
मलिका-ए-जहाँ' से नवाज दिया है ।।-
सर्द रातों की ठिठुरन
हमे जला कर चली गई
उसकी निगाहों की आहट
फिर जगा कर चली गई।।
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रास्ते में देख कर यू घूम जाया करती है
क्या कभी
चांद से चांदनी भी रूठ जाया करती है।
उसको लगता है हमे
पता नही है
उसके माथे की शिकन
अब मेरी बिस्तर की सिलवट बता जाया करती है।।
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निकल तो गई वो छू कर हवाओ को
उसकी खुशबू आज भी वहा है
जिस कलम से अदाएं लिखता था
वो ना जाने अब कहा है।।
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यदि आप वही करते हैं, जो आप हमेशा से करते आए हैं!!
तो आपको वही मिलेगा जो आपको हमेशा से मिलता आया है।।-
तुम शीतलता की निशानी
मैं समर्पण का भाव प्रिय
मैं अज्ञातवास से आया हूं
तुम्हारा मेलों का ख्वाब प्रिय।।-
ढूंढने से अगर इश्क मिल जाता
तो आशिक बदनाम ना होते !
उनकी मोहब्बत की बेवफाई के
सरेआम ना होते।।-