उसकी गली में अब मुझको जाना नहीं है।
उसका वहाँ अब कोई ठिकाना नहीं है।
जा चुका है अब वो किसी रकीब के साथ,
मेरा उसका कोई अब अफ़साना नहीं है।
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सब मिल जाएगा तो ज़िंदगी कैसी,
हर ग़म मिट जाएगा तो ज़िंदगी कैसी।
अगर पा लोगे जीने की हर वजह,
फिर मन भर जाएगा तो ज़िंदगी कैसी?-
सब ही पढ़ते रहे चेहरा हमारा,
कोई न जाने हाल-ए-दिल हमारा।
हँसते रहे हम लेकर झूठी मुस्कान का सहारा,
और लोग समझते रहे कितना खुशमिजाज है हमारा।
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गुज़र जाएगा ये दौर भी, ग़ालिब,
बेफिक्र रह तू हिज्र के मुक़ाम से।
जो तुझे तबाह करके चला गया,
सुकून उसे भी नहीं है तन्हा रहकर।
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मेरे दिल से ये ग़म निकला नहीं है,
अब मुझे किसी की परवाह नहीं है।
वो एक शख़्स मिल जाए तो मुकम्मल हो जाऊं,
उसके बिना अब मेरा जीना भी मुमकिन नहीं है।"-
Tu palat kr aa to shai .
Mai chand bhi le aunga to kah kr bta to sahi.
Or ye pahad nadiya samander ki gehraiya to kuch bhi nhi.
Mai teri ankho mai doob jaunga to ek baar has kr dikha to sahi-
Yaha ek se ek bimar bethe hain.
yaha sare tute dil ke yaar bethe hain .
Kisi ka yar gya chhod ke to kisi ka pyar..
Dekho yaha sb marne ko tyar bethe hain-
Ek baat aj likhu ..
Kya tumse mulakat likhun
Tum mile nhi kal or parso
Kya tumse fariyad likhun .
Ek baat aj likhun
Din beet gya tumhari rah mai .
Kaise tumse mulakat krun .
Dil tadpe hain joro se
Kya tumse fariyad likhun
Ek baat aj likhun ...
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सुना है नया साल आने वाला है।
देखना पिछले वाले से अच्छा जाएगा।
जितना रोए थे पहले उतना न रुलाएगा।
ये नया साल हर साल से कुछ अलग लेकर आएगा।
नए लोग मिलेंगे और कुछ पुराने साथ छोड़ जाएंगे।
और जाते हुए अपने अफसाने छोड़ जाएंगे।
पर उनका ग़म न मनाना...
खुशी मनाना इस नए साल में मिले नए लोगों की।
क्योंकि ये नया साल हर किसी के लिए बहुत से।
नए मुकाम लाएगा।
सुना है नया साल आने वाला है।
देखना पिछले वाले से अच्छा जाएगा।
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"मैं अक्सर अपनी यादों की किताब के उन पन्नों में कुछ इस तरह खो जाता हूँ ..
जैसे बचपन में सुकून से सो जाता था ..
हर याद मुझे खुशी के साथ मायूस भी कर देती है शायद इसलिए कि खूबसूरत यादें तो हैं पर वो बस यादें हैं .. अब हकीकत से जुड़ी नहीं हैं .. मैं अक्सर सोचता हूँ .. काश किसी तरह उन यादों को एक बार फिर से जी पाता .. पर ये मुमकिन नहीं है .. पर शायद इसलिए वो सब यादें हैं .. अगर उन्हें फिर से जीया जा सकता तो हम हर बार कुछ न कुछ बदल देते उनमें .. और शायद यादें पहले जैसी नहीं रहती .. और अगर यादें ही बदल जाएंगी .. तो शायद उन्हें याद करने पर जो खुशी महसूस होती है वो भी शायद होना बंद हो जाएगी ..."
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