Rudra sharma   (Rudraksh)
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Joined 31 December 2018


Joined 31 December 2018
3 JUN AT 22:25

उसकी गली में अब मुझको जाना नहीं है।
उसका वहाँ अब कोई ठिकाना नहीं है।
जा चुका है अब वो किसी रकीब के साथ,
मेरा उसका कोई अब अफ़साना नहीं है।

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1 JUN AT 18:26

सब मिल जाएगा तो ज़िंदगी कैसी,
हर ग़म मिट जाएगा तो ज़िंदगी कैसी।
अगर पा लोगे जीने की हर वजह,
फिर मन भर जाएगा तो ज़िंदगी कैसी?

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28 MAY AT 8:37

सब ही पढ़ते रहे चेहरा हमारा,
कोई न जाने हाल-ए-दिल हमारा।
हँसते रहे हम लेकर झूठी मुस्कान का सहारा,
और लोग समझते रहे कितना खुशमिजाज है हमारा।

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22 MAY AT 19:33

गुज़र जाएगा ये दौर भी, ग़ालिब,
बेफिक्र रह तू हिज्र के मुक़ाम से।
जो तुझे तबाह करके चला गया,
सुकून उसे भी नहीं है तन्हा रहकर।

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22 MAY AT 19:17

मेरे दिल से ये ग़म निकला नहीं है,
अब मुझे किसी की परवाह नहीं है।
वो एक शख़्स मिल जाए तो मुकम्मल हो जाऊं,
उसके बिना अब मेरा जीना भी मुमकिन नहीं है।"

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4 APR AT 10:44

Tu palat kr aa to shai .
Mai chand bhi le aunga to kah kr bta to sahi.
Or ye pahad nadiya samander ki gehraiya to kuch bhi nhi.
Mai teri ankho mai doob jaunga to ek baar has kr dikha to sahi

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31 MAR AT 20:08

Yaha ek se ek bimar bethe hain.
yaha sare tute dil ke yaar bethe hain .
Kisi ka yar gya chhod ke to kisi ka pyar..
Dekho yaha sb marne ko tyar bethe hain

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21 MAR AT 14:45

Ek baat aj likhu ..
Kya tumse mulakat likhun
Tum mile nhi kal or parso
Kya tumse fariyad likhun .
Ek baat aj likhun
Din beet gya tumhari rah mai .
Kaise tumse mulakat krun .
Dil tadpe hain joro se
Kya tumse fariyad likhun
Ek baat aj likhun ...

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21 DEC 2024 AT 16:34

सुना है नया साल आने वाला है। 
देखना पिछले वाले से अच्छा जाएगा। 
जितना रोए थे पहले उतना न रुलाएगा। 
ये नया साल हर साल से कुछ अलग लेकर आएगा। 
नए लोग मिलेंगे और कुछ पुराने साथ छोड़ जाएंगे। 
और जाते हुए अपने अफसाने छोड़ जाएंगे। 
पर उनका ग़म न मनाना... 
खुशी मनाना इस नए साल में मिले नए लोगों की। 
क्योंकि ये नया साल हर किसी के लिए बहुत से। 
नए मुकाम लाएगा। 
सुना है नया साल आने वाला है। 
देखना पिछले वाले से अच्छा जाएगा।

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15 DEC 2024 AT 15:44

"मैं अक्सर अपनी यादों की किताब के उन पन्नों में कुछ इस तरह खो जाता हूँ ..
जैसे बचपन में सुकून से सो जाता था ..
हर याद मुझे खुशी के साथ मायूस भी कर देती है शायद इसलिए कि खूबसूरत यादें तो हैं पर वो बस यादें हैं .. अब हकीकत से जुड़ी नहीं हैं .. मैं अक्सर सोचता हूँ .. काश किसी तरह उन यादों को एक बार फिर से जी पाता .. पर ये मुमकिन नहीं है .. पर शायद इसलिए वो सब यादें हैं .. अगर उन्हें फिर से जीया जा सकता तो हम हर बार कुछ न कुछ बदल देते उनमें .. और शायद यादें पहले जैसी नहीं रहती .. और अगर यादें ही बदल जाएंगी .. तो शायद उन्हें याद करने पर जो खुशी महसूस होती है वो भी शायद होना बंद हो जाएगी ..."

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