Rudra Pratap Singh Sengar   (रुद्र प्रताप 'रुद्र')
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Joined 29 May 2019


Joined 29 May 2019
27 MAR 2020 AT 22:47

कितनी दर्दनाक मजबूरी है,
साथ रहकर भी अपनों से दूरी है।
#lockdown

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15 FEB 2020 AT 23:39

प्रश्न.....
पश्चिमी सभ्यता में ढलते गांव और शहर
मौज के नाम पर भोग करते जाम का जहर
तो कैसे सनातनता का संसार बच पाएगा ?
कैसे युवा रक्त नया इतिहास रच पाएगा?

उत्तर.....
रक्त में मंद उबाल अभी भी है बचा हुआ
संस्कृति का अंश अभी भी है जुड़ा हुआ
उबाल को तीव्र कर,अंश को आकाश कर
रचेेंगे नया इतिहास, फिर नया हुंकार कर।

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29 MAY 2019 AT 16:21

बिछड़ने से क्या होता है? वो तो अब भी मेरे रग -रग में समाई है।

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29 MAY 2019 AT 0:20

सौगंध तुम्हें मानवता की
एे मानव! तरुवर मत काटो
परिणाम भयंकर हो सकते हैं
मौसम की ललकार सुनो
ऐे मानव! तरुवर मत काटो ।

हाहाकार मचेगा जल-थल में
जब प्रकृति कुपित हो जाएगी
बिन पेड़ों की सुनी धरती
बंजर जब हो जाएगी ।

बादल से रूठेगी वर्षा
तापमान बढ़ जाएगा
प्यासे जीव मरेंगे फिर
अस्तित्व ताक पर आएगा।

धरा मरुस्थल हो जाएगी
धूल उड़ेगी मंडल में
मानवता संघर्ष करेगी
रेगिस्तानी टीलों पे।

एे मानव! तरुवर मत काटो
परिणाम भयंकर हो सकते हैं
मौसम की ललकार सुनो
ऐे मानव! तरुवर मत काटो ,
ऐे मानव! तरुवर मत काटो।।।
रूद्र प्रताप सिंह सेंगर✍🙏

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