एक इजाज़त
हमनें भी दी
आज ख़ुद को...
रोना आएगा तो
रो लेंगे बिना
रोके ख़ुदको...!!-
असर कितना होता है तुम्हारी तस्वीरों का ये ना पूछा करो...
ये पूछो कितना वक्त लगता है ख़ुद को वापस ले आनें में...!!-
तेरे कूचे मे जो आया है
गुलामो की तरह ..
अपनी बस्ती का सिकंदर
भी तो हो सकता है...-
शॉल भेजो तो सही मुझे ओढ़ी हुई अपनी तुम
मैं तेरे लम्स में कुछ देर तलक जीना चाहता हूँ ..!!-
मेरी मसरूफियत के
हर लम्हे में शामिल है
तुम्हारी यादें...
सोचो मेरी फुरसतों का
आलम क्या होगा...-
सोए तो दिल मे
एक जहाँ
जागने लगा,
जागे तो अपनी
आँख मे जाले थे
ख्बाव के...! !-
हर बार मेरी लिखावट से
इश्क़ की उम्मीद न रख ,
ये वो उलझने हैं जो
कह ना सके तो
कागज़ पे उतार दी ।।-
इश्क़ का सैलाब
संभाले बैठे हैं,
कोई "साहिल"
तो मिले।
मोहब्बत हमारी
मुक्कमल हो ना हो,
कोई इतना
काबिल तो मिले।-
महक उठते हैं मेरे लफ्ज,
तुम्हें ख़्वाबों में सोच कर,
दिल के एहसासों में डूबी,
हुई कोई "नज्म " हो तुम..!-
ना पूछ मेरा रंग
मैं कितनी मौज में हूँ...
दुनिया में मोहब्बतें
फैलाकर मोहब्बत
की खोज में हूँ...-