डर लगता है
डर लगता है अपनों से
कि वह फिर बेगाने हो जाएंगे
डर लगता है बेगानों से
कि अकेले ही पढ़ जाएंगे
डर लगता है नींदों से
कि दिन के उजाले फिर आ जाएंगे
समेटा रातों को जो हमने
दिन में फिर बिखर जाएंगे
यादों के लम्हों में ही मुस्कुराते अब बस
यह लम्हे भी तो धुंधला जाएंगे
डर लगता है रोने से भी
कि चुप करा दे, वह अपने कम पड़ जाएंगे
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These kindness and soberness feels like chains nowdays...... imprisoning the demon that is growing inside...........
Sometime i feel to break these chains and choose the path of violence to end all the injustice,.......... logically it does not sound ryt but heart does what it does...........
Just wanted a peaceful life but m afraid if thats even in my destiny........-
बिखरा गए वॊ जो समेटने का वादा करते थे
..........................कुछ टुकड़े बिखरे ही रखे हैं
.................................. उनके अंदाज की याद में💔-
पल भर की मुलाकात में जो हर कोई हंस कर बुलाता है मुझे भी अब बस पल भर ही मिलना पसंद आता है🫡
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ओ मुसाफिर,
जरा ध्यान से निकलना इन इश्क की गलियों से
यहां टूटे हुए भी बिखर जाते है,
हमने भी किया था यहां सफर एक दफा
अब हर दफा यहीं पर कुचले जाते हैं...........🦶-
Kismat say itni ho gyi hai gehri pehchan🤗
Ki ab jab b kisi pr dil aata hai❤
Samaj jaata hu ki kismat full lainay🖕 k mood mai hai-
भूल जाऊंगा तुमहे कुछ देर ना मिलू अगर
जे सोच कर बहुत दूर चला आया
आज काफी वक्त हो गया है जे सफर करते करते
शायद कुछ जख्म है जो वक्त के साथ भी बरा नही करते-
टूटी हुई चीजे हम तोफो में नहीं दिया करते
हा इसलिए हमारा दिल आज भी हमारे पास है
हर इश्क के किस्से मुकमल्ल नही हुआ करते
मगर जे अधूरी कहानिया भी उतनी ही खास है-
जब उनको भुलाया जा सकता था
तब दिल ने साथ नही दिया
अब उनको भूल जाने कि चाहत है
तो दिमाग साथ नही देता-