Rudra   (Rudra S. Sharma)
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Joined 19 October 2018


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Joined 19 October 2018
1 FEB AT 11:54

The belief which is temperory that is just their illusion only because reality exists in the department or the dimension of permanency or fixity.

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1 FEB AT 11:47

The belief which is temperory does not exists in reality.

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1 FEB AT 11:18

The believe which is not unconditional, that believe is not the real.

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1 FEB AT 0:25

Psychology of doctorate is the science behind that or the science of doctorate.

I mean to say, that is the one which is originally the sense or the science of that.

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27 JAN AT 11:26

I strive not to judge anything or anyone, allowing me to be aware of their reality as it is. My intuition advises me to wait for a need to fully manifest, creating a strong sense of urgency that leaves me with no option but to fulfill it.

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27 JAN AT 10:49

Avoid passing absolute judgments on anything or anyone, as conclusions can be both right and wrong, creating an endless cycle. Instead, adopt a casual approach, observe without intentional actions, and see things as they are without narrow perspectives. Stay concentrated on your higher self or the almighty if that brings comfort, preventing confusion from taking shape. Express in your comfort space with no expectations, believing in your inherent completeness.

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25 NOV 2023 AT 20:15

जिसें समझ का साथ हैं, उसके लियें बुरे से बुरा भी यानी ज़हर भी औसधि समान अहम हैं और जहाँ समझ का आभाव लाचारी वश हैं वहाँ उस बच्चें के समान औसधि जैसी अच्छी से अच्छी चीज़ का पास होना भी किसी झंझट से कम नहीं हैं जिस अबोध के पास औसधि तो हैं पर क्या पता जरूरत नहीं हो तब भी लें लें तो ख़तरे से कम नहीं हैं अतएव समस्या किसी के अच्छे या बुरे होने से नहीं बल्कि हम कही नासमझी तो जागरूकता की कमी वश नहीं कर रहें इससें हैं और इसके विपरीत मन की स्तिथि यदि हैं फिर हर अच्छे से अच्छा या बुरे से बुरा समाधान समान ही हैं।

समय - २०:११ दिनांक २५ नवंबर शनिवार.

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25 NOV 2023 AT 19:53

मुझे एहसास हैं कि मैं प्रतिकूलता की अत्यन्तता रखने से अत्यन्तता के साथ बुरा हूँ और अनुकूलता की अत्यन्तता के फलस्वरूप अतएव अत्यन्तानुकूल भी हूँ अतः कृपया मेरी अच्छी या बुरायी के छोटे बड़े आभासों के होने पर आश्चर्य न करें, मुझे पता हैं इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की अतएव नयी बात नहीं हैं, आश्चर्य में क्योंकि समय की बर्बादी ही हैं, अभी आपकी सांसे चल रही हैं, इससे बड़ा और कौनसा मौका हों सकता हैं, क्या पता जो कल हो न हों इसलिये स्तिथि की अहमियत के प्रति जागरूकता होनी चाहियें, अपनी आंतरिक और बाहरी जगत की उन्नति पर ध्यान दें।

समय - १९:४९, दिनांक - २५ नवंबर २०२३.

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25 NOV 2023 AT 19:35

मैं मृत्यु से जन्म होने तक, ली जाने वाली स्वास हूँ।
मैं निराकार से साकारता; यानी ज्ञान से अज्ञान हूँ।।

मैं साकार से निराकारता को, यानी अज्ञान से ज्ञान को भी प्राप्त हूँ।
मैं ही हर एक इच्छा और मुमुक्षा; यानी उनसे मुक्ति की आस हूँ।।

मैं अनंत की हर इच्छाओं को; अनुकूल होने पर करने वाला हूँ।
मैं ही हर इच्छाओं के जन्म का, बाधित कर्ता यानी कारक हूँ।।

मैं तिमिर की समस्त गहराई; सही अर्थों में मैं ही प्रकाश हूँ।
मैं मन का हर एक विकार; और! हर विकार से मुक्ति कर्ता यानी 'मैं प्रेम आभास हूँ'।।

मैं ही अनंत की 'हर समस्या का जातक', और! रुद्र यानी हर समस्या से मुक्ति का मैं कारक हूँ।
मैं अनंत अस्तित्व हूँ और; यथा अर्थों में शून्य कहे जाने के भी लायक हूँ।।

मैं अदिति यानी अज्ञानवश अचेतनता अर्थात्; जड़ता यानी प्रकृति या शक्ति की शुद्ध अनुभूति।
मैं ही जड़ता से कही दूर पर उसका यथार्थ, अर्थात् मैं ही हूँ शुद्ध चेतन्य की परम् बोधि।।

मैं अनंत के स्वयं को भिन्न समझते हर 'मैं', मैं ही भिन्नता का पर्याय हर एक आत्म हूँ।
मैं भिन्नता की माया का हर कण और उनका कारक, मैं ही यथार्थ एकमात्र हूँ।।

(समय - २०:३४, दिनांक - २६ दिसंबर २०२१)

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22 NOV 2023 AT 0:11

Sacrificing is the key for all the types of success.

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