रुचि 😶   (रुचिका)
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Joined 3 January 2020


Joined 3 January 2020
25 MAY 2023 AT 21:32

भूख स्वाद नहीं जानती
वो जानती है
सिर्फ पेट भरना

भूख जात नहीं जानती
वो जानती है
सबके हिस्से में बराबर आना।

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23 MAY 2023 AT 17:27

एक तलाश खत्म हुई
एक तलाश बाकी है
सब कुछ मिल गया है मुझे
बस एक' काश!' बाकी है।

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19 MAY 2023 AT 10:14

चलो आज एक काम करते हैं
आज कोई काम नहीं करते है।😎😎😎

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18 MAY 2023 AT 11:25

दूसरों में खामियां ढूँढना
खुद की सबसे बड़ी ख़ामी है।

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16 MAY 2023 AT 16:53

चाहे पूरा दिन
फटकार की
झड़ी लगाए रहती है
पर शाम को पापा से
बच्चों के शौक के लिए
थोड़ी लड़ी रहती है

चले जाते है सब दूर
तो याद में बहुत रो लती है
पता न चल जाये किसी को
इसलिए आवाज थोड़ी
कड़ी रखती है
मिले उनसे हो गए
कितने दिन महीने साल
ये समय बताने वाली
खास घड़ी सिर्फ वो रखती है।

माँ शब्द है छोटा सा
पर हर रिश्ते में
बड़ी होती है
क्योंकि एक माँ ही है
जिसको सब की पड़ी होती है।

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8 MAY 2023 AT 10:57

प्रेम आकर्षण नहीं
गुरुत्वाकर्षण है
जब भी गिरोगें
सब कुछ पा लोगे

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7 MAY 2023 AT 23:17

जीने के लिये "ज़िन्दगी"
समय के पास, गिरवीं रख रखी है
बस गुजर न जाए यूँ ही
इसलिए किस्तें "ख्वाइशों" की भर रखी है

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22 APR 2023 AT 22:32

'दूध पीने' वाली अवस्था
जब 'दूध जमाने' वाली
अवस्था तक आ जाती है
तब बचपना
जिम्मेदारी में तब्दिल हो जाता है।

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21 APR 2023 AT 10:54

ज़िद्द होती तो
यकीनन पूरी हो जाती
अधूरी रहना तो
ख्वाइशों की फितरत है ना।

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28 FEB 2023 AT 20:29

मेरे 'शब्द' और मेरा 'व्यक्तित्व'
मेरे दो अलग-अलग किरदार है,

'शब्द' मेरी स्तिथी है
और 'व्यक्तित्व' मेरा आधार है।

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