Ruchika Bisht   (रूचि)
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Biotechnologist, writer
Joined 22 January 2019


Biotechnologist, writer
Joined 22 January 2019
17 JAN 2022 AT 20:19

मैं खुशियां लिखती हूं तो वो चली जाती है,
मैं गम लिखती हूं तो आंखें भीग जाती है,
कुछ यूं फंसी हूं कश्मकश में मैं,
की गर ना लिखूं तो कलम रूठ जाती है।

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3 OCT 2021 AT 15:32

वो पूछते हैं क्या यकीं है तुम्हे मोहब्बत है उस से,
मैं कहती हूं मैं सिर्फ उसके साथ मुस्कुराती हूं।

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30 SEP 2021 AT 21:52

अपनी कमजोरियों को भी
पन्नों पर बिखेरना पड़ता है।

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2 JAN 2022 AT 12:09

तुम कहते हो ना, की तुम्हे पसंद है कविता मेरी,
तो, क्या तुम मेरी कविता की पंक्तियां बनोगे?

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9 OCT 2021 AT 12:21

एक रोज हर आंसू पे मौत चुनती थी मैं,
अब सिर्फ ज़िंदगी की तलाश है।

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5 OCT 2021 AT 14:02

सोचा मर जाएंगे हम, तुमसे दूर जाकर,
पर पा लिया खुद को, तुमसे दूर जाकर,

तुम ज़रूरी तो थे मेरे जीने के लिए,
पर दिल ने कहा मेरे हौसला रख,
और सब बदल गया, तुमसे दूर जाकर,

जो आंखें रो जाती थी,तुम्हारी नज़रंदाज़गी से,
आज उन्होंने मुस्कुराना सीखा है, तुमसे दूर जाकर।

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26 SEP 2021 AT 0:41

Words doesn't define my feeling.

—ruchi

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25 SEP 2021 AT 18:28

आज सहर की सैर तेरे शहर से शुरू हुई,
तेरा चेहरा दिखा और मेरे शहर में उजाला हो गया।

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23 SEP 2021 AT 19:55

Painful words coated with
a teaspoon of happiness.

—ruchi

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19 SEP 2021 AT 22:16

She was like a mystery,
Until he became her story.

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