मैं खुशियां लिखती हूं तो वो चली जाती है,
मैं गम लिखती हूं तो आंखें भीग जाती है,
कुछ यूं फंसी हूं कश्मकश में मैं,
की गर ना लिखूं तो कलम रूठ जाती है।-
Ruchika Bisht
(रूचि)
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Biotechnologist, writer
Joined 22 January 2019
17 JAN 2022 AT 20:19
3 OCT 2021 AT 15:32
वो पूछते हैं क्या यकीं है तुम्हे मोहब्बत है उस से,
मैं कहती हूं मैं सिर्फ उसके साथ मुस्कुराती हूं।-
2 JAN 2022 AT 12:09
तुम कहते हो ना, की तुम्हे पसंद है कविता मेरी,
तो, क्या तुम मेरी कविता की पंक्तियां बनोगे?-
5 OCT 2021 AT 14:02
सोचा मर जाएंगे हम, तुमसे दूर जाकर,
पर पा लिया खुद को, तुमसे दूर जाकर,
तुम ज़रूरी तो थे मेरे जीने के लिए,
पर दिल ने कहा मेरे हौसला रख,
और सब बदल गया, तुमसे दूर जाकर,
जो आंखें रो जाती थी,तुम्हारी नज़रंदाज़गी से,
आज उन्होंने मुस्कुराना सीखा है, तुमसे दूर जाकर।
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25 SEP 2021 AT 18:28
आज सहर की सैर तेरे शहर से शुरू हुई,
तेरा चेहरा दिखा और मेरे शहर में उजाला हो गया।-