Ruchi Rooh   (RuchiRooh)
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Joined 13 July 2019


Joined 13 July 2019
28 FEB AT 21:55

इस बार भी वो किताबों की
पोटली उठा लाया...

उसको पता था इस बार भी
रूठे से मन जाउंगी मैं...

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2 MAR 2023 AT 14:21

सरल होना बेवज़ह की चालाकियों से
ज्यादा सहज़ है

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11 MAY 2022 AT 23:06



बहुत काम अधूरे से पड़े है
कुछ कहानियाँ अधूरी सी लिखी है
कुछ रिश्तों को पूरा करना बाकी है अभी
कुछ एहसास लिखने बहुत है
जिंदगी थोड़ा सा और साथ दे

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22 APR 2022 AT 19:26

सुबह का सफ़र

सुबह कहती है हमसे अक्सर
आ कभी मेरी आगोश में
फुर्सत निकाल कभी खुद के लिए
सुबह की ताजगी के साथ
जिंदगी का एक और अध्याय शुरू कर मेरे संग
रोज एक नया सा फलसफा है
सूरज का उजाला आकाश पर
उसकी रात की कालीमा को ख़तम कर
और एक सकारात्मकता की कहानी
सुना जाता है हर बार
ये सफ़र रुकने का नहीं, थकन का नहीं
सुबह कहती है हमसे अक्सर
आ मेरी आगोश में चल नए मुकाम पर

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8 APR 2022 AT 14:02

कहने को बहुत कुछ है
पर मुझको
बस सुकून से चुपचाप गले से लगना है

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25 MAR 2022 AT 19:30

हर क़िताब में कोई किरदार या कहानी का
किस्सा नहीं किसी की जिंदगी का हिस्सा है,
किसी का उलझा हुआ अफ़साना काग़जो में
छुपा ग़ुलाब है,तो किसी का क़िताब का कोना
मुड़ा होना उस का पसंदीदा ख़ास राज़ हैं ||


मेरे अल्फाजों को जब कलम का और मेरी
खास किताब का साथ मिला,मानों मेरे सुकून
को एक खास घर मिला जब मेरी रूह को
हम रूह का साथ मिला, रूह को रूह से
जुड़ा हर अल्फाज पसंद है,शायद इसीलिए
ही अब हमरूह की किताब में रूह के कई
अल्फ़ाज है ||

अब ख़याल आता है तो बस यहीं की हमारी
कब्र बाद में बनवाना हमरूह के सफ़र में साथ
चलने वाले दोस्तों,पहले किताबों की महफिल
जमा दो अभी कई किताबों को अपनी ख्वाबगाह
में करीने से सजाना बाकी है ||

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12 MAR 2022 AT 23:58

हर दिन की तरह एक और दिन गया
बस गुजरा, ज़िया नहीं
ना जाने क्यूँ आज दिन नहीं
दिल भरा था

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7 JAN 2022 AT 8:50



दरीचे के अंदर अपनी ख्वाहिशों को,
वो शख़्स ढ़क कर बैठा है।

और ये हवा,
तो कुछ ये बारिश से गीली हुई मिट्टी की खुशबू है।

जो दरीचे के अंदर आ,
ख्वाहिशों को उकसा रही है।

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6 JAN 2022 AT 23:52

यहाँ मुखौटो के पीछे चेहरे हजार है

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6 JAN 2022 AT 1:24

"पापा के नाम का खौफ"


बचपन भी कितना मासूम होता है ना, नाहीं कोई छल कपट ना ही कोई भेदभाव और ना ही ज्यादा समझदारी, ऐसे ही एक किस्सा अपने बचपन का बहुत याद आता है और जो कोई भी इस किससे को सुनेगा वो अपने से जरूर जोड़ेगा,

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