Ruchi Rathi   (RuchiRathi)
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Joined 18 September 2017


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Joined 18 September 2017
8 OCT 2019 AT 13:17

मेहताब में उसका चेहरा चमक रहा था
यूं लगा जैसे चांद छत पर आ गया
वो अपने खयालों में मसरूफ़ रहे
हमें उनके पास रहने से ही सुकून मिल गया

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6 OCT 2019 AT 14:28

..the rhythm of the universe..

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24 APR 2021 AT 20:58

What an irony!
My patient told her friends that she underwent a root canal treatment..
they said "you've got some nerve!"

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17 FEB 2020 AT 0:28

क़लम में स्याही भर कर तो लिखते रहे बरसों
आज दिल खोल कर भी लिखा जाए!

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19 JAN 2020 AT 20:23

ज़िन्दगी कट रही है,
जी नहीं जा रही..

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22 SEP 2019 AT 23:35

Solitude is solace!

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22 SEP 2019 AT 23:29

इनसान तीन मर्तबा करता है नींद कुर्बान


अकेलेपन से एकांत तक के सफ़र में
इश्क़ से आशिक़ी तक के सफ़र में
और कोयले से हीरे तक के सफ़र में!

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22 SEP 2019 AT 0:51

Writing is for the sensitive

The cold hearted simply read.

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21 SEP 2019 AT 0:32

थे तस्वीरों में साथ कभी
आज तकलीफों में भी साथ हुए...
तस्वीरों से तकलीफों तक..
हम सपने देखने में मसरूफ़ रहे..
और सपनों से हकीक़त तक
... तुम दवामी मेरे अपने हुए!

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9 SEP 2019 AT 0:27

ख़ुद अपनी तारीफ करना फ़िज़ूल है..
ख़ुशबू ख़ुद ही बता देती है
कि फूल कौनसा है!..

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