जिंदगी तब तक ही अच्छी थी पापा जब तक मैं आपकी जिम्मेवारी थी,
जब से मुझ पर जिम्मेवारियां आयी हैँ मैं जीना भूल गयी हूं!!-
मालूम है मुझे कि घायल मेरे पांव
तुझ तक पहुँचते- पहुँचते दम तोड़ देंगे।
पर मुहब्बत इतनी है,
कि हर पल चल रही हूँ।।— % &-
कहीं रोशनी देने गया सूरज ,
कहीं अंधियारा कर गया।
आज का सूरज भी अस्त हो गया।।-
कतरा -कतरा जली हैं मेरी ख्वाहिशें,
हाँ अब जा कर करार मुझे आया है।।-
खुद को लगा ली मैंने अपनी नज़र,
कि अब आईना देखने का भी मन नही करता!!🤗-
हर किसी में ढूंढती हूँ अक्स तुम्हारा,
कहीं तुम्हारी बातें नहीं मिलती ,
कहीं तुम्हारा प्यार नहीं मिलता।।-
ये बेजान जिंदगी अनोखे मोड़ पर आई है,
फिर यादों के झरोखों ने तेरी तस्वीर दिखाई है।
तमन्ना है तू चांद की तरह दूर ही रहे मुझसे,
ख्वाइश मरने की ,पर आँखों में रुलाई है।।
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When people say- तुम तो हमें एकदम भूल गयी हो,
Deep inside my heart I feel - मैं तो खुद को ही भूल गयी हूँ।-
खुद को जलाकर ,
रौशन तुम्हारे घर को किया है।
हर बहु अपने ससुराल में,
एक जलता हुआ दीया है।।-
तू हँसता रहे, खिलखिलाता रहे,
गुनगुनाता रहे तू जहां रहे,
हो खुशियों की बौछार वहाँ
जिस जगह भी तेरे कदम पड़े।
हो मंज़िल वो तुझको हासिल
जिसको बस तुमने सोच लिया
हर बार तुझे हर जीत मिले
कहीं ना ग़म का साया रहे
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