4 JUL 2022 AT 9:14

मित्रता जाति (स्त्री ,पुरूष) से परे ,
निश्छल, निर्विकार, निर्लिप्त ,
स्वर्थरहित भावना का संबल है |
जो बुझते दिये मे अनुकूल पवन वेग
सम प्रदीप्ति है |

- Ruchi dixit