Ruchi   (Muski)
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Joined 6 April 2019


Joined 6 April 2019
13 MAR AT 12:24

रंग और मेरे रंगीन पिया
होली पर खो बैठे मुझ पर अपना जिया
हंसी ठिठोली और पकवान सी जिंदगी
न जाने क्या क्या किया
मुस्की, मुस्कान ने एक इल्जाम सिर ले लिया
इन रंगों से मिल कर रिश्ते ने नया उन्माद जिया
रंग के त्योहार ने एक नया रंग भर दिया
रंग के त्योहार ने एक नया रंग भर दिया

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12 MAR AT 23:54

इक अरसे बाद वो मिला इस बार होली में
उसने गले लगा के दिया प्यार होली में

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16 FEB AT 17:44

मुझे मंजिल बता रहा
जो खुद भटका हुआ
मुझे सुलझा रहा
जो खुद ही उलझा हुआ
मुहब्बत का और क्या सबूत देता वो
खुद को गवा रहा, मुझे संवारने के लिए
यू हंसते हुए मिलता रहा
जैसे खुद के दुख से अजान है
ना जाने कितने जख्म छुपा रखा
सिर्फ मेरी मुस्कान के लिए

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5 DEC 2023 AT 21:02

क्या एक नशा दूसरे नशे से कटता है
जैसे लोहे से लोहा कटता है
कुछ तो हलचल हुई है आज
वर्ना कौन यू बदलता है

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6 OCT 2023 AT 19:56

किसी को जिंदगी भर का प्यार कुछ पल में मिल गया
किसी को जिंदगी गुजारने के बाद भी नहीं

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30 JUN 2023 AT 10:03

ज्यों ज्यों गिरत नीर मुख पर
त्यों त्यों बिसरत पीर सारी
ज्यों ज्यों बरसत बरखा छत पर
त्यों त्यों निखरी मन रंगत म्हारी

नयनजल, जल में मिलत
हुई मन-माया मिश्रित सारी
भूल रीत जगत की थिरकी ऐसी
बावली हुई आज प्रिय तुम्हारी

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22 MAY 2023 AT 14:31

जिसने पाया कद्र ना की
जिसने खोया जाने महत्ता उसकी

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11 APR 2023 AT 16:47

प्रेम तुल्य नहीं अतुल्य है
ना ही प्रारब्ध का फल हैं
जो किसी को ही प्राप्त हो जाये
ना प्रचण्ड प्रयास जो प्रिय को क्षति पहुचाये
प्रेम तो प्रभु आराधना की प्रक्रिया है
जिसके प्रभाव से प्रतिबिम्बित प्रेमी प्रकाशमान है
प्रसन्नता का प्रवेशद्वार हैं प्राण का पर्याय हैं
प्रेम ही प्रगतिशील जीवन का प्रवेशद्वार हैं
प्रेम ही प्रभु है प्रभु ही प्रेम है

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10 APR 2023 AT 6:37

जीवन के अंतिम क्षणों में भी
मुख में नाम उसका ही पाओगे
प्रेम का ऐसा स्वरूप
कलयुग में और कही नहीं पाओगे
आत्मा तो शरीर छोड़ देगी
पर रूह उसके पास ही पाओगे

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3 APR 2023 AT 20:00

प्रेम में पड़ी स्त्री के जीवन में केवल रोना ही लिखा है

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