कुछ ऐसी हो चुकी है अदा-ए-वफ़ा ज़माने की,क्या करे दोस्तों,आजकल हम भी दिल मेंजज़्बात और लहद-ए-जज़्बात दोनों एक साथ लिए घूमते है।। - Rucha
कुछ ऐसी हो चुकी है अदा-ए-वफ़ा ज़माने की,क्या करे दोस्तों,आजकल हम भी दिल मेंजज़्बात और लहद-ए-जज़्बात दोनों एक साथ लिए घूमते है।।
- Rucha