20 JAN 2018 AT 0:38

कुछ ऐसी हो चुकी है अदा-ए-वफ़ा ज़माने की,
क्या करे दोस्तों,
आजकल हम भी दिल में
जज़्बात और लहद-ए-जज़्बात दोनों एक साथ लिए घूमते है।।

- Rucha