Rubii Ssharma   (पाखी 😘Rubii Ssharma)
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Joined 8 September 2017


Joined 8 September 2017
24 APR AT 23:01


उसके हर शब्द को, आज भी खुद से जोड़ लेती हू ,
जिसका अब नाम तक मुझसे जुड़ा नहीं है।।

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10 SEP 2023 AT 22:14

मिन्नत मशक्कत और मुद्दत
कामयाबी तीनो की तलबगार है

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22 JUL 2022 AT 17:40

हम दोनों में सालो का नहीं ,
महज़ पांच दिनों का था अंतर।
एक ही महीना, एक ही साल ,
और बीच में ये पांच दिनों की दूरी
जिसे मिला ना पायी,
पांच उंगलियों से बनी रेखाएं भी,
बस रह गई ये चाहत यूंही अधूरी ।।

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22 MAY 2022 AT 17:45

मेरे भीतर मै ,मुझमें भी कितना मै,
लाख बंधनों में बंधा लापता सा मै !!
जो कर रहा ना उसके होश में,
जो करना है वही सोंच में ,
खुदमे ही खोया हुआ क्या पता सा मै!
लाख बंधनों में बंधा लापता सा मै !!
हर चाह को टाले हुए,
हर स्वप्न को पाले हुए,
वजुद की इस दौड़ में भागता सा मै!
लाख बंधनों में बंधा लापता सा मै !!
जो भाँप ले ना वो साथ है,
जो साथ है बस एक बात है,
भीतर की गहराई को खुद नापता सा मै!
खुदमे ही खोया हुआ क्या पता सा मै!
लाख बंधनों में बंधा लापता सा मै!!

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17 MAY 2022 AT 10:02

फिर किसी दिन अचानक यूंही,
तुम चले आना ।
उन सभी पिटारो की चाबी लिए,
जिसने ना जाने कितनी ही बातो को,
ताले में दबा रखा है।
जो कभी पल भर को भी ना खुल पाए
किसी गैर के सामने।
शायद इसलिए कि वो भरोसा हो ना पाया।
या वो शख्स, उन बातो को समझ ना पाया।
मै आज भी हूं ,उसी इंतजार में ...
उसी समझदारी और भरोसे के साथ,
खोल के सारे ताले आज़ाद करेंगे
बरसो से दबी अनकही बात
अब बस तुम चले आना ।।
Rubii sharma पाख़ी✍️

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17 APR 2022 AT 18:49

आज भी अक्सर घरों में अहम मुद्दों पर
औरतों से राय लेना जरूरी नहीं होता
दिमाग़ और अनुभव के विषय में
लिंग की दखलंदाजी समझ के परे है!!

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23 MAR 2022 AT 14:51

गर वतन की अस्मिता पर बात आए
तो फांसी पर चढ़ना गवारा था
झुकना कभी ना लाज़मी था इन्हें
स्वतंत्रता का स्वप्न प्राणों से प्यारा था




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24 FEB 2022 AT 21:00

नारी तू नारायणी हो ना हो
नर को नारायण ही समझा जाएगा
तू करले चाहे लाख जतन
तुझे उससे कमतर ही आंका जाएगा
तू निभा ले जिम्मेदारी घर और बाहर की
थोड़ा बोझ तेरा कम करना उसे ना भाएगा
वह आदमी है उसका ये स्वभाव है
हम पर भी गुजरी है ये कहानी का
नित रोज तुझे पाठ सिखाया जाएगा
नारी तू नारायणी हो ना हो
नर को नारायण ही समझा जाएगा

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22 FEB 2022 AT 19:10

Remove that # I don't like



It starts from her but end on you

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22 FEB 2022 AT 18:55

किसी को जानना तो इतना ही जानना
की वो जान पाए खुदको भरपूर
तुझपर किए गए इस विश्वास से
कहीं हो ना जाए सबसे दूर
की जो आपबीती उसने बताई
घटित घटना ने किया उसे मजबूर
और बना के उसके दर्द की कहानी
कर दिया तूने उसकी अस्मिता को चूर- चूर
किसी को जानना....



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