ऋत्विक शर्मा   (पंडितजी)
90 Followers · 22 Following

शायर नही हूं साहाब ...बस जो जज़्बात बयां नही कर पाता उन्हें कागज पर उकेर देता हूँ।।।
Joined 24 October 2018


शायर नही हूं साहाब ...बस जो जज़्बात बयां नही कर पाता उन्हें कागज पर उकेर देता हूँ।।।
Joined 24 October 2018

तेरा तसव्वुर सजाएं बैठा हूँ..
स्याह रात में सहर की उम्मीद लगाएं बैठा हूँ।।

तेरी पसंद-नापसंद , मोहब्बत का पता नही मुझे...
मैं तो इस मोहब्बत को दिल में सजाएं बैठा हूँ।।

-



ये जुस्तजू मय्यसर हो तो कोई बात बने
तू मेरी हो तो कोई बात बने

लिखने को तो लिख डाले कई सफे
तू पढ़े तो शायरी की कोई बात बने

ये तेरी अदा पर भोलेपन की नक्काशी
जिसे देखकर सारी कायनात की बात बने

यूँ उदास बैठकर तस्व्वुर नही सजाया करते
ये ख्वाब मुक्कमल हो तो कोई बात बने

-



वो इस कदर मुझ पें मोहब्बत में टूटती है
किसी और को देखता हूं तो डंडे से कूटती है

यूं तो है जमाने भर की समझदारिया उसमे
मगर मुझे देखकर बच्चों सी रूठती है।।

-



इश्क़ का सुरूर कुछ इस तरह से चढ़ाते रहे..
क्लास में हम उन्हें देखते और वो शर्माते रहे।।

न इनकार , न इकरार किया उसने
जब भी हमने पूछा वो मुस्कुराते रहे।

अजब सी रंगत चढ़ गई थी फ़िज़ा में
उस वक़्त तो हमे तो चाँद में भी वो नज़र आते रहे।

ये मुफलिसी का दौर ये भागती दुनिया
हमने जब भी आंखे बंद की स्कूल/कॉलेज के दिन याद आते रहे।।

-



दो बूंद पानी को तरसती रही जमीं यहां मेरी..
उसके यहां तो सैलाब पर सैलाब आते रहे।।

-



उसके ख़्वावो में खोए
टूटे हुए सपने संजोए..
उजड़ी हुई दुनिया लिये बैठे है
हम भरी महफिल में भी तन्हा बैठे है।

-



इश्क़ की जुस्तजू ने हर वक़्त तड़पाया है
जिसे चाहा वो कभी मिल नही पाया है
हसीन ख्वाबों का समंदर था मेरे ज़हन में
जब आँख खोली तो खुद को तन्हा पाया है

-



मुकम्मल जज्बातो की बात करने लगा
मैं इश्क़ की फरियाद करने लगा।

उसे देख कर बड़ा सुकून मिलता है दिल को
इसलिए उसके घर मे छत से ताक-झांक करने लगा।

देखा था क्लास में एक दफा उसे,
तब से क्लास रोज अटेंड करने लगा।

सुना है रोज मंदिर जाती है वो,
मैं इसी फेर में पूजा करने लगा।

नींद नही आती , दिल को चैन नही मिलता उसे देखे बगैर..
घर मे माँ पूछती है,ये कुछ रोज से तु क्या करने लगा।

-



Ye to dil lagane ka mukammal anjam hai

-



न तेरी , न तेरे दीदार की ख्वाहिश रखता हूं.....
मैं तेरा तस्सवुर अपने ख्याल में रखता हूं....

-


Fetching ऋत्विक शर्मा Quotes