मैं तुम्हारे लिए इतना जरूरी होना चाहता हूं...
जितना करवाचौथ के दिन चांद हैं।-
बारिश की उन कतरों की तरह अनमोल रतन हैं,
जो मिट्टी में समा जाए तो,
फिर कभी... read more
कहाँ तलाश करोगे तुम मेरे जैसा इंसान,
जो तुमसे जुदा भी रहे और बेइंतहा मोहब्बत भी करे !-
जब तुम काजल लगाती हो..
ख़ुद के होंठ देखे हैं तुमने?
तुम्हारी ज़बान,
ज़रा सी बाहर आ जाती है.
ठीक वैसे ही..
जब तुम,
सुई में धागा पिरोती हो.
अरसा हुआ..
तुम्हें बिस्तर बनाते नहीं देखा.
सिलवटें हटाते नहीं देखा.
और सुई में धागा तो..
अब दर्ज़ी ही पिरोता है.
अरसा हुआ..
काजल लगाते हुए,
तुम्हारी ज़ुबान भी नहीं देखी.
सुबहें बड़ी छोटी हो गईं हैं अब तो.-
लौटकर तेरी ज़िन्दगी में न कोई बवाल करूँगा,
ना ही मैसेज करूँगा न तुझे अब कॉल करूँगा!
तू खुश है गर मेरे बिन, तो तुझे खुश ही रखे रब,
तेरी खुशियों के खातिर दुआ फिलहाल करूँगा।
बहुत मुश्किल होगा जवाब देना तुम्हारे लिए भी,
तुम डरना नहीं, मैं न तुमसे कोई सवाल करूँगा!
तेरी हँसी से बढ़कर कुछ नहीं जमाने में मेरे लिए,
तेरी आँखों में आये आँसू न मैं वैसा हाल करूँंगा!
तेरी कमजोरियों को न तेरे खिलाफ इस्तेमाल
करूँगा!!
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ग्राहक को कपड़े देने से ठीक पहले तक
कोई तुरपन, कोई बटन
टाँकता ही रहता है दर्जी।
परीक्षक के पर्चा खींचने से ठीक पहले तक
सही-ग़लत, कुछ न कुछ
लिखता ही रहता है परीक्षार्थी।
अंतिम साँस टूटने तक
चूक-अचूक निशाना साधे
लड़ता ही रहता है फौजी।
कोई नहीं डालता हथियार
कोई नहीं छोड़ता आस
अंतिम सांस तक.......-
तेरी शान में क्या नज़्म कहूँ
अल्फाज नही मिलते,
कुछ गुलाब ऐसे भी हैं
जो हर शाख पे नही खिलते..-