जो सीखें हमसे आज हमे सीखा रहे हैं
हम शांत क्या हुए वो हमें नसीहत दिये जा रहे हैं।-
ऋता नरेश
(ऋता नरेश (Azaar))
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Joined 25 December 2018
31 OCT 2021 AT 22:13
19 SEP 2021 AT 21:20
बस करें अब सलाह देने से लोग तौबा कर ले..
मैं अपने मंसूबे अब खुद बनाना चाहता हूँ।।
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17 SEP 2021 AT 21:12
वो जानकार कमजोर मुझे मेरे साथ आना चाहता है
और बनी हूँ किस पत्थर से ..मैं उसे ये बताना चाहती हूँ।-
17 SEP 2021 AT 20:58
तू सोच सकता नहीं इतनी मोहब्बत हैं तुझ से
पर कैद कर लूँ तुझे ये रिवाज खलता है मुझे।।-
12 SEP 2021 AT 16:33
वो आया था मेरे अंधेरों मे अपनी रूह की रोशनी लेकर
अब बुझने लगा है वो मेरे साथ चलते-चलते।।-
12 SEP 2021 AT 9:05
ना मंजिलो की चाह ना रास्तों की खब़र
तो क्या हम फकीर हो गए हैं तेरी दहलीज चढ़ते -चढ़ते-
12 SEP 2021 AT 8:29
लोग कहते हैं भटकते मंजिल नहीं मिलती
पर पहुंचे तो हम भी कहीं नहीं संभल कर चलने के बाद-
12 SEP 2021 AT 7:59
तू झूठ बोले मुझसे ये मंजूर नहीं मुझे..।
चल हम ही गलत समझे हम मान लेते हैं।।-
11 SEP 2021 AT 23:53
मंजिलों की तरफ तो रोज़ ही बढा करते हैं
लाज़मी हैं कभी यूं ही भटक लिया जाएं ।।-