फूल जैसा दिल और पत्थर जैसे हालात लिए ।
सहेली कैसे जिएगी तू उम्र से लम्बी रात लिए ।।-
तेरा हुस्न ही कुछ इस कदर पुरसुकून है ।
कि हमें भी पागल होने का अब जुनून है ।।
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ध्यान से देते हो पंछियों को दाना पानी ।
इतने अच्छे हो तो पिंजरे से रिहा कर दो ना ।।
रचयिता - अज्ञात
प्रस्तुतकर्ता --
पत्नी :- सुनो जी , क्या कोई औरत किसी आदमी को लखपति बना सकती है ।
पति :- हाॅं बना सकती है , बस आदमी करोड़पति होना चाहिए ।
प्रस्तुतकर्ता --
तू जीवन का रूप सम्यक् अन्तर्मन की अभिलाषा ।
रूप तेरा ऐसे कि जैसे काव्य की स्वयं परिभाषा ।।-
देख कुछ अदा से मुझे दीवाना बना दे !
अभी ये ज़िन्दगी है इसे फ़साना बना दे !!
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सितम खुद पे कितना ज़्यादा कर रहे हैं !
मेरे ऑसू मुस्कराने का वादा कर रहे हैं !!
बेरहमी से बरस बरस के तमाम बादल !
मेरे ज़ख्मों को आज ताज़ा कर रहे हैं !!
बड़े जोश से राह ए इश्क पे चले तो थे !
अब इश्क के नाम से तौबा कर रहे हैं !!
व़फ़ा के वादे को तो वो व़फ़ा समझते हैं !
बिन वफ़ा किए वफ़ा का दावा कर रहे हैं !!-
कश्मीर फ़ाइल्स के प्रीमियर शो में बालीवुड से रणधीर कपूर के अतिरिक्त और कोई नहीं आया......कश्मीर फ़ाइल्स के साथ ऐसा व्यवहार करने वाले बालीवुड का कृपया पूर्ण बहिष्कार करें.......
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बजा कहे जिसे आलम उसे बजा समझो !
ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो !!
रचयिता - शेख इब्राहीम ज़ौक़
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मर्ज ए इश्क की कहां शिफ़ा होती है !
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा होती है !!-