वो कौन था सूरज सा जो अब तक न बुझा
वो जुगनू कैसा था जो अनवरत जलता रहा
बुझा जो अब तक नहीं अटल वो प्रकाश है
चाँद सूरज वही वही देख आकाश है।।
काल के कपाल पर जिसने कोई गीत लिखा
नहीं मानी हार जिसने जीत को हासिल किया
अटल सत्य है वही वह अटल सत्यवान है
"अटल" तू "महान" था अटल तू महान है।
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कुछ लिख दूँ जो खुद पर,
तो सब को दर्द दे जाऊंगा!
खैर ये इत्तिला ... read more
इन शरमाती आंखो से आज इजहार में करती हूं।
अब तो जाने जां में भी तुमसे प्यार बहुत करती हूँ।
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Finally is ramzan par to pakistan ke tv ki dua bhi kabul ho gai. Akhir photne se jo bach gaye.😝😜😂
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ये हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई यह सब छलावा है।
प्यार मोहब्बत इंसानियत ही बस धर्म हमारा है।-
मेरी प्रिये
तू शब की तरह चांदनी में घुली हुई है
तू सुबह के आफताब की तरह रोशन है।
तू फूलो की महक की तरह फैलती है।
तू ग्रीष्म की सुबह की ठंडी हवा है।
और एक तू ही मेरे जीने की दवा है।
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यह ज़िन्दगी का सफर भी कितनी अजीब है
जितना तय करो उतना ही आगे बढ़ता जाता है
परछाई की तरह हमेशा साथ साथ चलता रहता है
कभी खुद से ही खुश होता है कभी खुद से ही नाराज़ होता है
कभी दिल खोल कर हँसता है कभी दिल खोल के रोता है
पर फिर भी मीलो का सफर तय करता है
एक नांव की तरह कभी इस किनारे तो कभी उस किनारे बस चलता रहता हैं
अपनी अंतिम सांस तक इस दुनिया से लड़ता है
इस दुनिया के लोगो से लड़ता है और अपनी अंतिम सांस तक बस चलता रहता है।
ये ज़िन्दगी का सफर यू ही चलता रहता है।-
मिरे यार तू भी नहीं मिल पायेगा जनवरी से
मैं भी देखना दिसंबर में तमाम हो जाऊँगा।-
यूँ दीवानों को दीवाना कहना कहाँ तक मुनासिब है
ऐसा करो तुम हमको पागल कहा करो ।
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