ऋSikA   (Risha)
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Joined 31 December 2022


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5 HOURS AGO

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22 APR AT 15:18

दवा-ए-मेहबुब मिले तो दिल को मेरे आराम आए,
वरना मेरे दिल के दर्द का कोई इलाज़ नही।

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20 APR AT 19:28

वो अक्सर कहता है,
मत रूठा कर तु मुझसे मुझे,
मनाना नही आता।
आता है प्यार करना तुझे बस,
दिखाना नही आता।

तू अक्सर रूठ जाती है,
युही बेवजह की बात पर सुन ना,
रूठा कर मुझसे।
मुझे तुझको समझाना नही आता।

तू जान है मेरी हर बार ये,
मैं केहता हूँ।
पर तुझे पता है ना मुझे हर बार,
ये बताना नही आता।

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20 APR AT 13:47

हमने भी चाहा हमारे भी सनम थे,
थोड़े पत्थर थोड़े बेरहम थे।

हम तो समझ बैठे थे उन्हे हमदर्द अपना,
पर वो तो देते हमें जख़्म पर जख़्म थे।

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19 APR AT 11:58

तुम्ही को चाहूँ तुम्ही से फासला रखूँ,
तुम्हीं कहो अब कितनी मैं तुमसे वफ़ा रखूँ।

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18 APR AT 20:00

बड़ा नशा था तेरी मोहब्बत में,
दिन पर दिन हम पर चढ़ता गया,
और हम आदि होते गए ।

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18 APR AT 10:02

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17 APR AT 9:10

मैंने कभी नही चाहा की मुझे कोई खुदा मिले,
जब मिले मुझे कोई शख्स वो सबसे जुदा मिले।

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16 APR AT 18:42

जायका तेरे लबों का बखूबी याद है मुझे,
मेहक गुलाब जैसी मिठास शहद जैसी।

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16 APR AT 17:12

आ कैद कर लूँ,
तूझे अपनी बांहो की सलाखों में ।

वरना तू डूब के मर जायेगा मेरी,
इन नशीली आँखों में।

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