दिमाग की धरती,विचारों के बीज,बोते किसान,लेखक और कवि,लहलहाती फसल,बीच मे खर पतवार😂आ गए पशु,उदरस्थ करने फसल,किसान बैठा है ,सर को थाम,कोई नही है निदान,किसान,बेचारा था, बेचारा ही रहना है उसका काम। - रश्मि सिन्हा
दिमाग की धरती,विचारों के बीज,बोते किसान,लेखक और कवि,लहलहाती फसल,बीच मे खर पतवार😂आ गए पशु,उदरस्थ करने फसल,किसान बैठा है ,सर को थाम,कोई नही है निदान,किसान,बेचारा था, बेचारा ही रहना है उसका काम।
- रश्मि सिन्हा