कही कोई दूर बैठकर रो रहा है,
क्या पता शायद अपना ही समय खो रहा है।
अब परवाह किसे है किसी के आंसुओ की,
अब तो जाने कहां आदमी मशगूल हो रहा है....-
लोग चाहे कितना भी गलत व्यवहार करें,
उम्मीद आपसे यही की जाती है कि,
आप सब कुछ बर्दाश्त कर लें...
यदि अच्छे हैं तो.....😀-
हर आदमी क्यों यहां,
बुझा बुझा सा है,
न जाने वक्त भी क्यों,
रुका रुका सा है,
धीरे धीरे ही सही,
आगे कदम बढ़ाते रहिए,
मिट जायेंगे अंधेरे भी,
बस उम्मीदों के चिराग,
जलाए रखिए......🙏🏻😊-
जिंदगी फिसल न जाए,
मुठ्ठी से रेत की तरह,
अरमानों की गठरियां ,
दिल में लिए फिरता हूं,
चलना है जिंदगी भर मुझे,
इसी फिक्र में हर घड़ी,
गिरता हूं संभालता हूं....😊-
यदि आप दिनभर तनाव में रहते हैं,
इसका मतलब यही है कि.....
आपको जीवन जीना ही नहीं आता....😀🙏🏻-
कुछ लोगों पे भरोसा करने का मतलब ,
अपने आप को धोखा देना होता है.....😀-
मैं तो मिट्टी थी तुमने दिया बना दिया,
में तो सिर्फ और सिर्फ फूल थी ,
मुझे सुगंधित तुमने पिया बना दिया,
जिंदगी तो बस जिंदगी थी मेरी,
तुमने जिंदगी को जिंदगी बना दिया,
पाकर तुम्हे यूं लगा कि तुमने,
मेरे हर पल को बंदगी बना दिया...
कैसे करू मैं शुक्रिया हर इक पल का,
शुक्रिया उस रब का हर पल ,
जिसने हमें तुमसे मिला दिया ...
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अगर आपको कोई बहुत सीधा व्यक्ति मिले,
तो उसे इतना बेवकूफ मत बनाओ कि......
वो तुम्हारी शक्ल देखना ही पसंद न करे....😀-
वास्तव में आगे तो वही बढ़ाते हैं,
जो राहों में रोड़े लगाते हैं.....😀🙏🏻-
बहुत तकलीफ होती है ,
गिरकर संभललने में,
बहुत तकलीफ होती है,
मिलकर बिछड़ने में,
ऊपरवाले ने ये खेल,
क्यों रचाया,
दिल को इतना,
नाजुक क्यों बनाया,
गिरकर संभलने को
अगर जिंदगी कहते हैं तो
मिलकर बिछड़ने को
आखिर क्या नाम दें हम.......
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