देख कर कजल की
लकीर उनकी आंखो पर,
पहली बार ये जाना
के चांद की खुबसूरती रात से क्यो है..-
जब तक न आपको मै गजल में उतर दूं, कैसे भला मैं अपनी कलम को करार दूं, दिन हफ्ते महीने दो चार साल छोड़िए, मैं आपके इंतज़ार में सादिया गुजर दूं, यूं भर गया है दर्द से फटने को है महज़, अब कहता है दिल आपको जोर से पुकार लु, इस दिल से मैं, कसम से तंग आ गया हुं, अब दिल निकल के किसी पत्थर पे मार दूं, आलिशा बेगम, जेहन में बस एक ही आरजू है, अब अपनी ये जिंदगी आपके सजदे में वार दूं..
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Milti hai ek baar Pathan zindagi yaha, lekin yeh kya ki woh bhi betuki mile, duniya mein aur kuch bhi mile ya na mile, lekin manchaha shaksh lazami mile..
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के हमने ऐसी भी क्या खाता कर दी
जो कबील ए माफ़ी भी नहीं
हमने देखा नही है तुमको कई दिनों से
क्या ये सजा काफी नहीं-
Jab Tak tumhari yaad ke jaale pade rahe,
humko hamari jaan ke laale pade rahe,
ek roj Maine danta usse pyar pyar mein,
6 din Meri zuban pe chhale pade rahe..-
Sixer होता है हल्क
कट्टा होता है भारी
इन दोनों को जो संभाले
वो हैं बिहारी-
Itna toota hoon,
ki chhune se bikhar jaunga,
ab agar aur Dua doge,
toh Mar jaunga..-
Ke jise hum Zindagi
kehte hai woh aur
kuch nahi hai Pathan
bas maut ka intezaar hai-
के कैसे पढ़ते है उनका जनाजा पठान,
जिन्हें मौत नहीं मोहब्बत मारती है-