बुरा नहीं हु मैं मेरी भी कुछ कहानी है
ये जो बदला बदला सा लगता हु ना मैं
अपनो की ही मेहरबानी है
ग़ैर तो ग़ैर है गैरों से गिला क्या
पर अपने तो अपने है अपनो से मिला क्या....-
आए हो मेरी प्रोफ़ाइल पे तो दो अल्फ़ाज़ सुन कर जाओ
अगर अच्छा लगे तो फॉ... read more
सहमी हुई है झोपड़ी बारिश के ख़ौफ से
महलों में रहने वालों की आरज़ू है कि
बारिश तेज़ हो....-
हंसिए, मिलिए, बातें करिए,
रूठने से क्या साकार होगा ?
ना तुम जानो, ना हम जाने,
कब क्या आखरी बार होगा....-
जो आपको नहीं समझते,
उन्हें मत समझाइए
समंदर खारा है..खारा ही रहेगा
उसमें शक्कर मत मिलाइए....-
फोन जब तक वायर से बंधा था
इंसान आज़ाद था
जब से फोन आज़ाद हुआ है
इंसान बंध गया है-
हर खेल क़िस्मत नहीं खेलती, कभी-कभी
कुछ खेल इंसान भी खेल जाते है, इंसान के साथ....-
इंसान को एक बार ही परखता हु मैं
चाहे वो परिवार का हो या कोई भी
उसके बाद तो ऐसे लोगों से जितना दूर रहो उतना ही अच्छा होता है खुद के लिए
क्योंकि ज़हर वाले सांप कभी न कभी कटेगा ही....-
आज कल एक अलग ही ट्रेंड चल रहा है
जो लोग दूसरों के जिंदगी में जहर घोलते है
आज वो भी पानी में हल्दी घोल रहे हैं....-
मांगा भी तो तुमने पिंजरे का क़ैद मांगा
खुले आसमान में उड़ने का मेरा साथ क्यों ना मांगा....-