मेरी मोहब्बत कि शिद्दत पे यूं शक ना किया कर
ख़्वाबों में तिरा दीदार भी हम बा-वज़ू किया करते हैं।-
wish me on 19 September
from (india)
Jo sukoon Allah ki ibadat me h wo duniya m... read more
ज़िंदगी बहुत पीछे छूट गई है अए दिल
तू धड़कता जा रहा है यूं ही सांस लेते लेते।-
ये रंग और रौनक़ नहीं भाती अब हमें
अब ख़ुद को आईने में देखना छोड़ दिया।-
खो सी गई है ज़िंदगी जीने कि चाहत में
हम लुट ते चले गए किसी को पाने कि चाहत में।-
यूं ना देख मुझे बे ज़ुबां की तरह
मैं छाई हूं खुद में सन्नाटे की तरह ।
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खुद को ना ढूंढ सके ज़िंदगी भर तलाश किस की थी
पूरी ज़िंदगी थे जिए फिर कंधों पर लाश किस की थी।
सफ़र कुछ ही दिनों का है परेशान न हो ज़िंदगी
जाना ख़ाली हाथ है तो फिर आस किस की थी।
सहरा में भटके थे कभी एक बूंद पानी के लिए
सागर है बाहों में तो फिर प्यास किस की थी।
सहर ओ शाम रहा दिल में तू इंकलाब गोया
दिल ए बेताब तो फिर मौज ए बहार किस की थी ।-
तारीफ़ ना किया करिए मेरी मुझे अच्छा नहीं लगता
नज़रों से नज़र ना फेरिये मुझे अच्छा नहीं लगता।
हर कोई है अदाकार यहा अपनी अपनी ज़िंदगी में
हर इंसान अपनी शक्सियत में सच्चा नहीं लगता।
दिन गुज़रे रातें भी कटी इंतज़ार में किसी की
आसमां रोया या ज़मी अफसूर्दा पक्का नहीं लगता।
बरसातों के मौसम थे हिज्र का मौसम भी आया
भीगे हुए थे हम फिर भी मेरा मकान कच्चा नहीं लगता।-
मुस्कुराता हूं आलम में तेरे तसव्वुर के
मगर हैं आंखें ये नम भूल जाता हूं।-
जलते हुए अंगारों में अफसाने कहां ढूंढे
चलती हुई राहों में अब पैमाने कहां ढूंढे।
वो रात कुछ अलग थी तेरे तसव्वुर की
जो गुज़र गये यू ही वो तराने कहां ढूंढे।
खुद की तलाश है अब मुझे यहां भीड़ में
इस गुमां में हूं अब मुझे ज़माने कहां ढूंढे।
चांद सूरज भी हैं आसमां में तारे भी हैं
जो दिल को सुकून दे वो नज़ारे कहां ढूंढे।-