लेते हमारा नाम
ये गलियाँ ये रास्ते
पर हम थे जिस शहर के
वहीँ के ना हुए।
वैभव मोदी-
Where Impossible things going to be possible.....
नये साल में नया क्या होता है?
असल में होते तो हम पुराने ही हैं
बस नयेपन की चादर में
ख़ुद को सुकून देते हैं।
होना तो ये चाहिए कि कोई हो
जो मन को पढ़ ले
कोई ऐसा हो जो डर लगने पर
हाथ पकड़ ले
कोई हो जो जिसका साथ
सदियों पुराना हो
लेकिन हर साल
नये साल जैसा हो।
❤️❤️-
ये साल
बहुत कुछ देकर जा रहा है।
जो साल आने वाला है
वो भी बहुत कुछ लेकर इंतज़ार में है।
खुश रहिए ❤️-
दर्द चाहने भर से कम नहीं होता
वो जाता है अपने वक्त पर ही...
चाहे बदन पर हो या दिल में।-
जिस दिन मुस्कुराने की वज़ह तलाशनी पड़े,
उस दिन समझ लेना कि अब बचपना नहीं रहा।
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वक्त बुरा है तो क्या हुआ
हर शख्स खफा है तो क्या हुआ
बस खुद से इश्क़ है अब मुझे
अब ये भी गुनाह है तो क्या हुआ।-
यही रात आख़िरी हुई
तो क्या करोगे
हम ही नहीं रहेंगे तो
नाराज़गी का क्या करोगे.!?
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तुम्हें बराबरी ही क्यों करनी है भई
तुम आगे भी तो जा सकते हो।-