अजब मकाम पर हैं जिंदगी के
जहां खुशी अधूरी और दर्द मुकम्मल लगता है-
सफर अपना भूल ना जाऊं
मंजिल तक कैसे पहुंच पाऊं....
हर राह दिखाने वाला ही
राह ... read more
मैं और तुम यूं मिले
मानो कोई दो विपरीत धारा
शुरुआत में हम दोनों ने ही एक दूसरे की
दिशा को बदलना चाहा
पर एक वक़्त के बाद साथ रहने की ज़िद में
हमने बहना छोड़ दिया-
सावन की भीगी रातें, बिखरी सी तेरी यादें...
मेरे पास में अब भी है जाना...
तेरे पास भले हो सारा जमाना
फिर भी ये केह दो ना कि,
कुछ याद अभी भी है तुमको..
मैं याद अभी भी हूं तुमको..
तूने दिल जीता था मेरा
वो दिल किसी और का कैसे हो...
अब लोग ये मुझसे कहते हैं
तुम भी लोगों के जैसे हो...
पर छोड़ो ये बातें जाना
जो बात कही थी निभाने की
उसे याद तो रखा होगा ना.....
मुझे याद तो रखा होगा ना-
ए दिल तू चला जा कहीं दूर हमसे
तेरे मामले में अब अक्ल नहीं लगायी जाती......-
तबाही हिज़्र की अब ख़तम हो चुकी है
दिल की भी सनम मरम्मत हो चुकी है..
इश्क़ का वक़्त है अब पतझड़ का नहीं
मिलन की आस है सावन की आहट हो चुकी है..-
पूरे जहां का अफसाना सुनाता है मुझे....
और ....
केवल तुम्हारी बातें करती हूं उससे....
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यूं ही बिन कश्ती मैं समंदरो में नहीं...
मुझे फना हो जाना है डूब कर तेरे इश्क़ में....-
एक रास्ता, चल रहे मैं और तुम
क्यूं फासला, जब साथ मैं और तुम...
एक बात तेरी मैं रट रही ज़ुबान पर,
जो बात कर थे रहे मैं और तुम...
कुछ ख़्वाब ये समेटता है दिल मेरा,
जिस ख़्वाब में हो साथ मैं और तुम....
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के लब मिले तुझसे और मैं तबस्सुम से भर जाऊं...
तेरे छूने भर से महक उठु फूल बन कर बिखर जाऊं...
तेरी नज़रों से मिले नज़रे मेरी आंखो में लगे काजल...
मैं तेरे ख्यालों में से गुज़रू या तन्हाई में गुज़र जाऊं....-