मेरी ख़ुशियों मे, बिना माँगे हिस्सेदार हो तुम।
पर मेरे गम जानने के लिए, मुझसे बहुत लड़ना पड़ेगा तुम्हे।
मेरी हँसी की वजह चाहे कुछ भी हो।
पर मेरे आँसुओ को देखने के लिए बहुत धीरज रखना पड़ेगा तुम्हे।
वैसे तो मैं बहुत बोलती हूँ।
पर मेरी ख़ामोशी को चुपके से सुनना पड़ेगा तुम्हे।
हर दफ़ा जो कहते हो इश्क़ है,मुझसे।
तो सुनो उस महोब्बत से पहले इस दिल को सुकून देना पड़ेगा तुम्हे...!!!❤️✍️
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कई जन्म लिए होंगे! तब जाकर
इस जन्म हिन्दुस्तां मिला है...!!!
बहुत वीर शहीद हुए इस मिट्टी की खातिर
तब जाकर यह हिंदुस्तान मिला है...!!!❤️🙏-
उसने पूछा ऐसा क्या है? जो जीने नही देता!
मैंने कहा बस है कुछ ऐसा! जो मरने नही देता!
उसने पूछा क्या गम है? जो सोने नही देता!
मैंने कहा है एक राज़ ऐसा! जो कभी सबके सामने रोने ही नही देता...!!!
उसने कहा क्यूँ दर्द बयाँ नही करते?
मैंने कहा सबकी एक वजह होती है।
क्योंकि यूँ ही कुछ भी बेवजह नही होता...!!!💔
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जब वह फैक्ट्री मे मजदूरी करने गयी थी!
तब तो तुमने अपनी नज़रो से उसके उभरते
हुए जिस्म को नापने की कोशिश की थी...!!!
अब जब उसने अपने जिस्म को ही,
अपनी मजदूरी बना लिया है।
और हर एक हवस को अपनी कमाई समझ
लिया है। तब तुम उसे कुछ और काम(फैक्ट्री)मे
करने की सलाह देते हो...?-
चलो आज ऐसी वाली भी एक मोहब्बत की जाये!
खुद से भी थोड़ी वफ़ा और
तुझसे भी बेइंतहा इश्क़ किया जाए।
एहसास लफ्ज़ो के महोताज़ न हो, सब कुछ आँखों से ही बयाँ किया जाए।
चलो आज ऐसी वाली भी एक महोब्बत की जाये!
इन लबो से तो बहुत मुस्कुरा लिये, चलो अब एक दूसरे की आँखों मे हँसा जाए।
कसमे वादे तो हज़ार कर लिए। चल आज मंदिर मे जाकर उनकी सलामती की दुआ की जाए।
चलो आज ऐसी वाली भी एक महोब्बत की जाए!
तेरे हाथ से जाम तो कई पीये है। पर चल आज तेरी हँसी से मेरे इस दिल को भरा जाए।
अपने सपनो की तो बहुत बाते हो गई। चल अब उन ख्वाबो को हकीकत मे जिया जाए।
चलो आज ऐसी वाली भी एक मोहब्बत की जाए!
बहुत ही मशरूफ़ हो गए थे! हम इस दुनिया के फ़साने मे चलो आज एक दूसरे की रूह को इस रूहानी इश्क़ के नाम किया जाए...!!!❤️✍️
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जन्म से लेकर अंत तक, तेरे सारे रूप निराले है!
कभी कोमल माँ जैसी तो, कभी तूने बेटी बन
कर घर के फर्ज़ों को सँभाला है।
फिर सयानी होने पर तूने अपनी ही घर की दहलीज को लाँघा है। तब दूसरे कुटुंब मे जाकर एक नया जगत बसाया है। पुराने रिश्तो को याद रखते हुए, तूने नए रिश्तो को भी अपनाया है। फिर किसी को जीवन देकर तूने जननी का दर्जा पाया है। सारा जीवन तेरा इन्ही रूपो मे निकला, कोई ना तुझे समझ पाया है! कि वास्तव मे क्या खोया तूने और क्या ही तूने पाया है...???❤️✍️
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इश्क़ की महफ़िल मे कुछ यूँ बदनाम हुए!
बोली गैरो ने शुरू की, और अपनो पर
आकर नीलाम हुऐ...!!!❤️-
मेरी महोब्बत की तारीफ़ करता है वो!
मेरे इश्क़ से तालीम लेता है, वो!
पर फिर भी ना जाने क्यू?
मेरी सच्ची सी इस दुनिया को,
एक झूठा फ़साना कहता है वो...!!!❤️✍️-
उसके आँसुओ की कीमत उसे उस दिन समझ आयी।जब उसकी माँ ने कहा,
साफ़ दिल वालो की आँखे जल्दी नम हो जाती है...!!!✍️-
हम कभी बेवजह रुठ जायें जो तुमसे! तो क्या
तुम भी अब वज़ह ढूंढते हो हमे मनाने के लिए...?-