Roshan The_R   (Roshan the_R)
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poet ,writer, teacher nd photographer
Joined 29 March 2018


poet ,writer, teacher nd photographer
Joined 29 March 2018
3 NOV 2022 AT 20:48

हम घर से बेघर कुछ जूं हुए कि हम चाह कर भी घर रह ना सके और बाहर वालों के लिए हम मेहमान हो गए।

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30 SEP 2022 AT 10:01

Regards for all those who shared their views on truth.
In my opinion truth has several levels.
For a child truth means Narration of what actually happens ( not telling lies).
And at the highest level truth means that only "Exist". Except it, all illusions.
So In between, truth has several meanings but finally only truth prevails that remains constant in all variable illusions.

By SUNIL SUDAN

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18 AUG 2022 AT 21:49

कि मैने भी सीख लिया है अब बातें बनाना।
सच्च को छुपाना , सच्चा झुठलाना ।।
कि समय ने सिखाया, लोगों ने जताया।
कि सीधा वृक्ष भी अक्सर काट दिया जाता है।
लिखा हो सबूत, काग़ज़ भी राख किया जाता है।।
कि मैने भी सीख लिया है अब बातें बनाना।

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7 AUG 2022 AT 21:52

समय की कदर ना जिसने की
समय पे हार मिल गई ।
दीवारें पक्की भी थी जो
उसकी वो भी गिर गई।।
समय की कदर ना जिसने की
समय से मार मिल गई ।।

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28 MAY 2022 AT 21:07

अगर कहीं खो गया तो ढूँढना मत ।
क्यूँकी जब तक मिल सकता हूंगा ।।
तब तक मैं खोने वाला नहीं।।

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22 MAY 2022 AT 7:26

इतनी चाहत से चाहते थे अगर हमें।
थोड़ा यकीन तो होता हम पर भी।।
सिर्फ बातें बनाने से क्या होगा ।
एक बार सिर्फ दिल से ही कुछ चाह कर देखिये।
हम से बन पड़ा तो आसमान भी आपके कदमो में रख देंगे।।


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21 MAY 2022 AT 20:47

हजारों शिकायतें हैं, मुझसे ज़माने को ।
कि मैं कमबख्त हर रोज और हर एक भूलता हूँ,
कि मेरे भूलते ही,एक नई शिकायत के,
ढूँढते है हजार बहाने वो ।
हजारो शिकायतें हैं, मुझसे ज़माने को।।

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24 AUG 2021 AT 9:39

हर किसी ने मुझको ,
अपने नजरिए से देखा ।
कि किसी ने मुझको,
मेरे नजरिए से देखा ही नहीं ।।
मै आंसुओं के घूँट पीता रहा,
और दुआओं में मांगू ।
कि उनको मेरी आह भी ना लगे।।
वो मुझे दुआओं में,
कुछ इस तरह से याद करें ।
कि मै उनकी परछाई से भी डरूं ।।

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23 AUG 2021 AT 22:50

कहानी के पन्नों में लिपट कर रह गया,
पर कहानी का हिंसा ना बन पाया ।।
जो भी आया पलटा उल्टा सीधा,
पर कोई पढ़ ना पाया ।।
खुशी ग़मी के आंसू सब ,लिपटे, मुझ से,
पर कोई समझ ना पाया ।।

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19 AUG 2021 AT 22:45

हम वतन पे मर मिटने का हुनर रखते हैं।
हौंसले ना बिखर जाएं मैदान ए जंग में।
लहू का रंग लाल देख के।।
तभी सिर पे कफन, दिल में वतन ।
और तन पे रंगी चुनार लाल रखते हैं ।।

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