Wo wahaa..
waha hoga apna ghar. Sach keh raha hoon!
na koi samaaj aur na rivaaj
waha koi nahi aata, duniya bhi nahi Yakeen nahi hota?
saari pabandiyon se pare, ek khoobsurat sa jahan...
yakeen maano har cheez likhi gayi hai
Hamari kahaani ka ek khoobsurat anth hona tay hai
main naseebo pe yakeen nahi rakhta na hi kisi moutjza pe, har cheez likhi gayi hai,
Tera milna, tera bicchadna, aur bichhadkar tera phir dubara milna.
Yeh koi ittefaq nahi, Suna hai jodiyaan rab banate hai
Insaano ko toh bas ek dusre ko paane ki thodi si koshish karni hoti hai,
jitni hi koshish kyun na karle, hoga wahi jo tere aur mere haqq mein likha gaya hai..-
में तुम्हें वाहा मिलूंगा जहां लोग मतलबी नहीं हुआ करते !... read more
कोई साथ नहीं है कभी डर लगता है जो जिंदगी में करने की उम्मीद है अचानक से सबकुछ थम गया सा लगता है दुनिया को लगता है बहुत मजबूत हो तुम पर कभी तुम भी टूट सकतें हो इतना तो हक्क बनता है
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कुछ लोग रोना रोकते हैं, बेहिसाब रोकते हैं,
इसलिए नहीं कि वे मजबूत होते हैं बल्कि इसलिए कि उनके आसपास कमजोर कंधों का कारवाँ होता है।-
कही बार ऐसा लगता है की मुझमें क्षमता होने के बाद भी कोई सिर्फ मेरी चुप्पी' की वजह से मुझे पहचानता नहीं.. कभी कभी शब्द बयां नहीं हो पाते और लोग मुझे समझ नहीं पाते..
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जिंदगी तुम्हारे सामने अचानक से
कठिनाई खड़ी करती है
तब लगता है ये सब मेरे साथ ही क्यूं मैंने कब किसी का बूरा किया है जवाब 'वक्त' है वो परिपक्व करता है तुम्हारे विचारों को तुम कितना लड़ सकते हो परिस्थिति से और निखर सकते हो कठिनाई से बस संयम रखो और सामना करो-
मैने कभी नहीं चाहा मेरे सपने किसी के लिए परेशानी बने। मैने कभी नही चाहा मेरा प्रेम किसी के लिए बंधन बने। मैने कभी किसी को जाते हुए रोका नही, ना ही किसी के साथ की कभी कोई उम्मीद की मैने कभी नहीं चाहा कोई मेरा दर्द बाटे या मेरी खुशियों में खुश हो । हा कोई साथ दे तो साथ चल देता हू पर चाहा कभी नही। और बस इन सब में खुद को ढूंढ लिया ..
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ज़िंदगी के ऐसे कई मसले होते है जो हम अंदर ही अंदर बिना किसी से कुछ कहे बस लड़ रहे होते है। वो चाहे फिर घर की परेशानियां हो, कैरियर की हो, पार्टनर की हो या कोई और। ज़िंदगी में एक समय ऐसा भी आता है जब कुछ सही नही हो रहा होता उम्मीदें टूटती है, दिल टूटता है, दर्द सह रहे होते हैं और बस चल रहे होते है उस पर कुछ लोग बेदर्दी से बिना कुछ सोचे हमे जज़ कर रहे होते है। और ये सब कई बार इतना असहनीय हो जाता है की हम खुद को खत्म करने तक की सोचने लगते है। पर हम अक्सर उस दौर में ये गौर करना भूल जाते है की हम सब कुछ बिना किसी सहारे के सह गए और जब हम इस वक्त से बाहर निकलेंगे तो एक ऐसे व्यक्ति बन जायेंगे जो फिर कभी नही टूटेगा और ये शायद हमारी सबसे बड़ी जीत होगी । तो कुछ समय के लिए दुनिया को भूलाकर अपनी ताकत को समेटकर उस वक्त से गुजर जाना। एक दिन बुरा वक्त बीतेगा और तुम खुद को और भी आज़ाद पाओगे।
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रोयेंगे टूटेंगे हँसकर बरबाद भी होंगे
मगर आँसुओ की कसौटी पे ना उतारेंगे तुम्हे
हलक से चीख भी निकलेंगी तोह दम घोट देंगे
मगर अब बिखरते हुए भी ना पुकारेंगे तुम्हें-