ये इश्क़ है जनाब जरा संभल के चलिये
डगर उल्टी , सफर लंबा है भवर भी है दिखती नहीं।।
ये इश्क़ है जनाब.......
दिन लंबा ,रात छोटी है पल पल भी कटता नहीं।।
ये इश्क़ है जनाब.........
दुनिया गोल ,शहर अनमोल है दरीचे भी हर जगह से दिखते हैं।।
ये इश्क़ है जनाब ......
रिश्तों की खाक ,अपनों की आग है हर चौखट पे ठोकर है।।
ये इश्क़ है जनाब .......
-